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एनजीओ (NGO) के लिए कैसे पाएं फंडिंग

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एनजीओ के लिए कैसे पाएं फंडिंग
 

देश में 31 लाख से ज्यादा एनजीओ रजिस्टर्ड है

क्या आपको पता है कि भारत में कितने एनजीओ है। एनजीओ के आकड़ों को जानकर आप हैरान हो जायेंगे। भारत में एनजीओ की संख्या 31 लाख है। देश में स्कूलों की संख्या से दोगुना। सरकारी अस्पतालों की संख्या का 250 गुना। ये सच है, पूरे भारत में इतने NGO हैं कि हर 400 व्यक्ति पर एक NGO आएगा। अब आप गैर सरकारी संगठनों यानी NGO के तादाद को जानकर ये सवाल जरूर करेंगे, कि इतने NGO होने के बावजूद हमारे देश में सामाजिक बुराईयों का अंत क्यों नहीं होता? जबकि ये सभी 31 लाख एनजीओ समाज की भलाई के लिए काम करते हैं। आपको जानकर ये भी हैरानी होगी कि भले देश में इतने NGO हैं। लेकिन ये NGO सुचारु रूप से काम नही करते हैं। ज्यादातर NGO कागज़ों तक ही सीमित हैं। इसका मुख्य कारण है सही जानकारी का न होना, NGO में मैनेजमेंट का अभाव और सबसे महत्वपूर्ण धन का अभाव, इन एनजीओ के लिए फंडिंग का नहीं होना।

फ़ाइनेंशियल फंडिंग नहीं होने से ज्यादातर NGO निष्क्रिय है

एनजीओ को समाज सेवा या सामाजिक हित से संबंधित कामों के लिए खोला जाता हैं लेकिन इससे समाज सेवा के साथ पैसा कमाने, टैक्स बचाने, राजनीति में करियर बनाने जैसे बहुत से व्यक्तिगत लाभ को अगर कोई देखता है तो वही एनजीओ की अहमियत खत्म हो जाती है। ऐसे में एनजीओ का अगर संचालन बिना स्वार्थ के और सामाजिक बदलाव की संकल्पना को ध्यान में रखते हुए निरंतर अगर आप काम करते रहेंगे तो एनजीओ को खोलने का मकसद भी सार्थक होगा। अब एक एनजीओ को चलाने के लिए बहुत जरुरी होता है लगातार फंडिंग का आना। हालांकि आर्थिक अनुदान पाना एक एनजीओ के लिए सबसे कठिन काम होता हैं यदि आप सही और प्रोफेशनल तरीके से काम नही करते हैं। ऐसे में NGO के लिए धन जुटाना असंभव सा लगने लगता हैं। तो आईये आपको बताते है कुछ ऐसे तरीकों के बारे में, जिससे आप अपने एनजीओ के लिए ज्यादा से ज्यादा धन जुटा सकेंगे।

फंडिंग के लिए एनजीओ का विश्वसनीयता होना जरुरी

किसी भी एनजीओ को अगर आर्थिक मदद चाहिए तो सबसे पहले उसे अपनी क्रेडिबिलिटी को, अपनी विश्वसनीयता को सामाजिक तौर पर साबित करनी पड़ेगी। आपकी पूरी जानकारी को सार्वजनिक करनी पड़ेगी। आप किस फील्ड में काम करते है, कैसे करते है, कहां करते है, इसका पूरा ब्यौरा आपको साझा करनी पड़ेगी। आपको अपने एनजीओ की जानकारी के लिए वेबसाइट बनवानी पड़ेगी। एनजीओ के कार्यो को और उसकी पूरी जानकारी वेबसाइट पर दे सकते हैं जिससे लोगो का NGOs के प्रति विश्वास बढेगा और वे आपको वित्तीय सहायता भी प्रदान करेंगे। इससे आपके एनजीओ का प्रचार भी अच्छा होगा और आपकी पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगो तक होगी। आप अपने वेबसाइट पर Donation Form भी लगा सकते हैं जिससे पैसा डायरेक्ट NGOs के बैंक अकाउंट में आ जाएगा।

एनजीओ के लिए सरकारी फंड | Government Funds for NGO

एनजीओ कई तरीकों से फंडिंग जुटा सकते हैं, सरकारी व प्राइवेट कंपनियां एनजीओ को ग्रांट दे सकती हैं, यहां तक कि पीएसयू और कॉर्पोरेट्स अपने सीएसआर फंड का इस्तेमाल एनजीओ के जरिये करवा सकती है। ये पीएसयू और कॉर्पोरेट्स NGO को एम्प्लिमेंटिंग एजेंसीज के तौर पर नियुक्त भी कर सकती है। यदि आपका एनजीओ रजिस्टर हैं तो आप सरकारी फंड ले सकते हैं। सरकार द्वारा कुछ नियम और कानून होंते हैं जिसके अनुसार आपको अपना Document Submit करना होता हैं। सरकारी फंड प्राप्त करने में थोड़ी दिक्कतें जरूर होती हैं पर सही तरीके से प्रयास करने पर आप सरकार वित्तीय सहायता पा सकते हैं।
भारत सरकार द्वारा आर्थिक ग्रांट (Financial Grant) पाने के इच्छुक सभी वॉलंटरी आर्गेनाईजेशन यानी वीओ / NGO यानी गैर-सरकारी संगठनों को NGO Darpan या फिर मिनिस्ट्री ऑफ़ सोशल जस्टिस के वेबसाइट पर अपना पंजीकरण कराना होगा। NGO Darpan पोर्टल में पंजीकृत VO / NGO को एक विशिष्ट आईडी प्रदान करेगा। एनजीओ को अपना डिटेल्स देना पड़ेगा कि उनका एरिया ऑफ़ ऑपरेशन क्या है ?, ऑडिटेड अकाउंट की डिटेल्स, एनजीओ की विशेषताएं बतानी पड़ेगी।
भारत सरकार भी तमाम परियोजनाएं चलती है, स्वच्छ भारत योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना जैसी योजनाएं भारत सरकार चलाती है। इनका इम्प्लीमेंटेशन यही एनजीओ करती है। जिसके लिए इन NGO को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय ग्रांट यानी फंडिंग देते हैं। मंत्रालय वर्तमान में लक्षित समूहों जैसे अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, अल्पसंख्यकों, वृद्धों, नशीली दवाओं के दुरुपयोग के पीड़ितों, स्ट्रीट चिल्ड्रेन, विकलांग के कल्याण के लिए विशेष रूप पृथक डिज़ाइन की गई स्कीमों के अंतर्गत समाज के पिछड़े वर्गों गैर-सरकारी संगठनों को सहायता प्रदान करता है।

सहायता के लिए आवेदन करने के पात्र कौन हैं?

सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 के अंतर्गत रजिस्टर्ड संस्था।
सार्वजनिक पंजीकृत न्यास।
कंपनी अधिनियम 1958 की धारा 25 के अंतर्गत धर्मार्थ कंपनी लाइसेंस।
भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी या इसकी शाखाएं।
विधिक स्थिति वाले अन्य सार्वजनिक संस्थान।
सहायता के लिए आवेदन करते समय संस्था को कम से कम दो सालों के लिए रजिस्टर्ड होना चाहिए।

किसी पात्र संगठन द्वारा किन बुनियादी शर्तों को पूर्ण करना आवश्यक होता है?

जिन बुनियादी शर्तों को पूर्ण करना आवश्यक होता है वे हैं –
दो वर्षों के लिए पंजीकृत होना चाहिए।
उस क्षेत्र में दो वर्षों का अनुभव हो।
वित्तीय सुदृढता व बजटीय व्यय के कम से कम 10% को वहन करने की क्षमता हो।

क्या एक एनजीओ को विभिन्न योजनाओं के लिए फंडिंग मिल सकता है?

जी हां, बशर्ते कि सभी पात्रता कसौटी तथा बुनियादी शर्तें पूरी की गई हों।

क्या किसी एनजीओ के लिए जिस क्षेत्र में सहायता मांगी गई है उसमें अनुभव होना आवश्यक है?

जी हां, जिस क्रियाकलाप के लिए सहायता मांगी गई है उसमें कम से कम दो वर्षों का अनुभव आवश्यक है।

एनजीओ फंडिंग के लिए प्राइवेट कंपनी से संपर्क कर सकती हैं। Corporate Funding for NGOs

आप अपने एजजीओ के लिए प्राइवेट कंपनी यानी कॉर्पोरेट्स से भी फंड जुटा सकते हैं। कंपनी को आप ईमेल भेजकर वित्तीय सहायता के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अपनी पूरी जानकारी और दस्तावेज़ को इन कंपनियों के साथ साझा कर सकते हैं। कई बड़ी प्राइवेट कंपनी अपने CSR Projects के लिए एनजीओ को वित्तीय मदद (Financial Help) करके अपने प्रोजेक्ट को पूरा करवाते हैं जिसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। और अगर इन कॉर्पोरेट्स को आपका काम अच्छा लगा तो आपको वहां से हमेशा के लिए काम मिल सकता हैं। इसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

वित्तीय अनुदान के लिए कार्यक्रम का आयोजन करना

आप एनजीओ के नाम पर कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं जिसमें आप अपने कार्यो से सबको अवगत कराए और उन्हें वित्तीय सहायता के लिए उत्साहित करे। आप अपने आस-पास के नेता, समाजसेवी व्यक्तियों, डॉक्टर, वकील और अन्य ऐसे लोगो को अपने कार्यक्रम में बुला सकते हैं जो आपके एनजीओ के लिए वित्तीय सहायता के लिए अपील कर सकते है। बहुत से लोग आर्थिक मदद के लिए सक्षम नहीं होते हैं वो दूसरों की मदद करना चाहते हैं तो ऐसे में उनका समय ले और उनके ज्ञान और उनके कौशल को दूसरों की मदद में लगाएं।