वहशी व्हाट्सऐप
संचार क्रांति में व्हाट्सऐप एक ऐसा जरिया हो गया है जिसके बिना कम्युनिकेशन आजकल असंभव सा है, व्हाट्सऐप पर वर्चुवल दुनिया शुरू होती है और वही ख़त्म होती नज़र आ रही है, व्हाट्सऐप आज दुनिया का सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऐप बन गया है, इसका क्रेज लोगो पर इस कदर चढ़ा है कि करोड़ों लोगो के दिन की शुरवात व्हाट्सऐप के गुड मॉर्निग मैसेज से शुरू होती है और गुड नाईट से दिन खत्म होता है, व्हाट्सऐप के जरिये सोशल मीडिया पर चींजे इस तरह से वायरल हो रही है कि व्हाट्सऐप ना सिर्फ वहशी हो गया है बल्कि व्हाट्सऐप अब जान भी लेने लगा है, ताज़ा उदहारण महाराष्ट्र के धुले जिले है से जहाँ एक ऐसी वारदात हुई है कि लोग स्तब्ध है, सोचने पर मजबूर है कि क्या व्हाट्सऐप इस तरह लोगो के दिलोदिमाग पर हावी हो गया है कि वायरल मैसेज की सच्चाई बिना जांचे, परखे आँखें बंद उस वायरल मैसेज से विश्वास करके किसी की जान ले ले। ऐसा ही हुआ है महाराष्ट्र के धुले जिले में जहाँ रविवार को हजारों लोगों की भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में 5 लोगों को पीट-पीटकर मार डाला। मारे गए पांचों लोग घुमंतू कबीले के थे जो व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया पर फैली अफवाह के शिकार बन गए। भीड़ साप्ताहिक बाजार में बच्चा चोरी करने वालों की तलाश कर रही थी, तभी उन्होंने एक व्यक्ति को बच्ची से बात करते देखा। भीड़ ने उस व्यक्ति से कई सवाल पूछे और संतोषजनक जवाब नहीं देने पर उसे पीट-पीटकर मार डाला। इस दौरान पुलिस ने उन्हें बचाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ के आगे उसकी एक न चली।
महाराष्ट्र के धुले के बाद महाराष्ट्र के ही मालेगांव के आजाद नगर इलाके में भी 5 लोगों पर बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के सदस्य होने के संदेह में लोगों ने पत्थर बरसाए, हालांकि, जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस दंपत्ति को पत्थर फेंक रहे लोगों के चंगुल से बचाने में कामयाब रही, पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि पुलिस भीड़ को रोकती, भीड़ बेकाबू हो चुकी थी, पत्थर मार रहे लोग नारे लगा रहे थे कि बच्चा चोरी गिरोह को सबक मिलना चाहिए, पुलिस के आग्रह पर भी भीड़ नहीं मानी और पत्थर बरसाते रहे। परेशान होकर पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया, जिसके बाद सभी 5 लोगों को पुलिस ने भीड़ के चंगुल से रेस्क्यू कर लिया। पांचों लोगों के बचाव में पहुंची पुलिस टीम पर भी लोगों ने पथराव किया। इससे पहले हैदराबाद के पहाड़ी शरीफ और गुजरात के अहमदाबाद में भी बच्चा चोरी की अफवाहों के कारण पीट पीटकर हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है। सोशल मीडिया पर फर्जी तरीके से हुई वायरल ख़बरों में सिर्फ महाराष्ट्र ही आगे नहीं है। चेन्नई में भी लोगों ने बच्चा चोरी के शक में दो युवकों की बेरहमी से पिटाई कर दी, हालांकि, यहां भी मालेगांव की तरह मौके पर पहुंच पुलिस ने लोगों से युवकों को बचा लिया। रविवार को महाराष्ट्र के धुले में भीड़ ने पीट-पीटकर पांच लोगों की जान लेने के मामले में पुलिस ने 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र सरकार अब इस मामले में लोगों से ऐसी अफवाहों से बचने की अपील की है, और कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।
हम आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में देश के 11 राज्यों में अब तक 27 लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी है। मॉब लिचिंग की ये घटनाएं अगरतला, अहमदाबाद, रायपुर, माल्दा, औरंगाबाद, गुवाहाटी और हैदराबाद में हुई हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि समाज उबल रहा है। सोशल मीडिया के जरिए लगातार ऐसी सूचनाएं शेयर की जा रही हैं जिससे लोगों में अफवाह फैल रही है और गुस्सा बढ़ रहा है। दरअसल, पिछले एक महीने से बच्चाचोर गिरोह की अफवाह व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस तरह के वायरल मैसेज बिना सोचे समझे और बिना जाँच पड़ताल किये फॉरवर्ड किया जाता है। बच्चाचोर गिरोह के बारे में वायरल मैसेज धुले के लोगों के पास भी था, जिसको लेकर शायद वहां चर्चा भी हुई होगी। गांववाले हर अनजान चेहरे को शक की नजर से देख रहे थे, धुले में भी ऐसे शक से महापाप हुआ जिसने 5 निर्दोष लोगों की बेरहमी से जान ले ली। ऐसी घटनाएं दुनिया के सबसे बड़े और बुलंद लोकतंत्र पर काला धब्बा की तरह हैं, जहां सिर्फ शक होने पर भीड़तंत्र निर्दोष लोगों की जान ले लेता है।