देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में शुमार आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक करने के बाद भला कोई रेलवे में डी कैटेगरी में नौकरी करेगा, अगर ये सवाल पूछा जाए तो कोई भी ना कहेगा, लेकिन ये सच है, श्रवण कुमार ने ये कर दिखाया है, श्रवण ने रेलवे की ग्रुप डी में नौकरी ज्वॉइन की है। इसे सरकारी नौकरी का क्रेज कहें या फिर रोजगार के सीमित अवसर, लेकिन कुमार श्रवण ने ट्रैक मेंटेनर बन कर मिसाल पेश की है।
अक्सर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद लोग बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियों में नौकरी करते हैं। ताकि उन्हें हर महीने लाखों रुपये की सैलरी मिल सके। या फिर अपना स्टार्टअप शुरू करते हैं। लेकिन इस बार श्रवन कुमार ने इतनी पढ़ाई करने के बाद भी रेलवे के ट्रैक पर अपना पसीना बहा रहे है।
पटना बिहटा पालीगंज के रहने वाले श्रवण कुमार को साल 2010 में आईआईटी में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा में सफलता मिली। श्रवण को कैटेगरी रैंक 1570 हासिल हुई थी। तब श्रवण ने आईआईटी बॉम्बे के मेट्रोलॉजी एंड मैटेरियल साइंस ब्रांच में इंटीग्रेटेड डुअल डिग्री कोर्स में दाखिला लिया था। साल 2015 में उन्हें बीटेक और एमटेक की डिग्री दी गई।
श्रवण की माने तो कोई भी नौकरी छोटी या बड़ी नहीं होती। जीवन में हमें जो भी अवसर मिले, उसे छोड़ना नहीं चाहिए। श्रवण रेलवे के साथ जुड़कर काफी खुश है, श्रवण ने ये फैसला इसलिए भी लिया क्योंकि श्रवण सरकारी नौकरी को सुरक्षित मानते है। फिलहाल श्रवण इस नौकरी के साथ साथ डिपार्टमेंटल एग्जाम भी देते रहेंगे।
बहरहाल आईआईटी में पढ़ने वाले हर एक स्टूडेंट का सपना और मकसद होता है बढ़िया नौकरी की, अच्छे जीवन की और समाज में मिलने वाला रुतबे की लेकिन श्रवण कुमार ने इन सब को पीछे छोड़ समाज को एक बहस का मुद्दा जरूर दे दिया है।