सर्दियाँ शुरू होते ही डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ बढ़ने लगती हैं। अक्सर देखा गया है कि ठंड के मौसम में ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ने लगता है, और मरीज भ्रमित हो जाते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, इसके पीछे कई जैविक, व्यवहारिक और मौसम संबंधी कारण छिपे हुए हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि सर्दियों में शुगर क्यों बढ़ती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
ठंड में शारीरिक गतिविधि की कमी — सबसे बड़ा कारण
सर्दियों के दिनों में लोग ठिठुरन की वजह से बाहर निकलने में संकोच करते हैं। सुबह की वॉक, योग या एक्सरसाइज़ की दिनचर्या टूट जाती है। जब शरीर कम सक्रिय रहता है, मांसपेशियां रक्त से ग्लूकोज को पर्याप्त मात्रा में अवशोषित नहीं कर पातीं।
इससे दो प्रभाव होते हैं—
ब्लड शुगर तेजी से बढ़ती है
इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं कर पाता
विशेषज्ञों का कहना है कि रोजाना 30 मिनट की हल्की एक्सरसाइज़ भी सर्दियों में शुगर को नियंत्रित रखने में बड़ी भूमिका निभाती है।

ठंड से शरीर में हार्मोनल बदलाव
सर्दियों में शरीर खुद को गर्म रखने के लिए कुछ “स्ट्रेस हार्मोन” अधिक मात्रा में बनाता है, जैसे— कोर्टिसोल और एड्रेनालिन
इन हार्मोनों का सीधा असर ब्लड शुगर पर पड़ता है। यह शरीर को अधिक ग्लूकोज बनाने के लिए उत्तेजित करते हैं, जिससे शुगर लेवल बढ़ जाता है। यह प्रक्रिया खासकर सुबह के समय अधिक होती है, इसलिए अक्सर सर्दियों की सुबह में शुगर रीडिंग ज्यादा देखने को मिलती है।
सर्दियों में आहार की आदतें बदल जाती हैं
ठंड के मौसम में लोग अधिकतर भारी और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने लगते हैं, जैसे—
पकौड़े, गाजर का हलवा, तली-भुनी चीजें, मीठी चाय
गुड़-चीनी वाली मिठाइयाँ
ये सभी खाद्य पदार्थ तेजी से पचते हैं और ब्लड शुगर में अचानक उछाल पैदा करते हैं। इसके विपरीत, गर्मियों में लोग अधिक फल, सलाद और हल्का भोजन लेते हैं, जिससे शुगर नियंत्रित रहती है।
पानी कम पीने से ब्लड शुगर बढ़ता है
सर्दियों में प्यास कम लगती है और लोग पानी बहुत कम पीते हैं। इससे शरीर में धीरे-धीरे डिहाइड्रेशन होने लगता है।
जब शरीर में पानी की मात्रा घटती है—
खून गाढ़ा हो जाता है
ग्लूकोज की मात्रा अधिक दिखाई देने लगती है
इसलिए ब्लड शुगर बढ़ जाती है।
डॉक्टर सलाह देते हैं कि सर्दियों में दिनभर हल्का गुनगुना पानी पीना बेहद जरूरी है।
इंसुलिन संवेदनशीलता में कमी
ठंड के मौसम में कोर्टिसोल बढ़ने और शारीरिक गतिविधि कम होने के कारण शरीर की कोशिकाएँ इंसुलिन को कम स्वीकार करती हैं।
इसे कहा जाता है,
इंसुलिन रेसिस्टेंस इसमें शरीर में इंसुलिन मौजूद होने के बावजूद वह ग्लूकोज को कोशिकाओं में नहीं पहुंचा पाता। नतीजतन शुगर बढ़ जाती है।
सर्दियों में संक्रमण अधिक — शुगर भी बढ़ती है
ठंड के मौसम में जुकाम, खांसी, वायरल फीवर और फ्लू जैसी बीमारियाँ ज्यादा होती हैं।
जब शरीर किसी संक्रमण से लड़ता है—
तनाव हार्मोन बढ़ते हैं
सूजन (inflammation) बढ़ती है
ब्लड शुगर अपने आप बढ़ने लगती है
डॉक्टरों के अनुसार, डायबिटिक मरीजों में मामूली वायरल भी शुगर लेवल को काफी बढ़ा सकता है।


