जब भी हम हवाई यात्रा के लिए एयरपोर्ट जाते हैं, सुरक्षा जांच (Security Check) के दौरान हमसे कई चीज़ें बैग से बाहर निकालने को कहा जाता है खासकर लैपटॉप। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर लैपटॉप को बैग से अलग निकालने की ज़रूरत क्यों पड़ती है?
X-Ray स्कैनर में लैपटॉप एक रुकावट बनता है
एयरपोर्ट पर जब सुरक्षा जांच होती है, तो यात्रियों से लैपटॉप, टैबलेट, कैमरा जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बैग से बाहर निकालने के लिए कहा जाता है, ताकि एक्स-रे मशीन के ज़रिए अंदर रखी वस्तुओं की छवि (Image) स्क्रीन पर साफ़-साफ़ दिखाई दे सके।लैपटॉप एक घनी वस्तु (dense object) होता है, और इसकी बनावट इतनी जटिल होती है कि यह बैग में रखे अन्य सामान को छुपा सकता है।
इसके अलावा, लैपटॉप के अंदर मौजूद बैटरी, मेटल पार्ट्स और सर्किट्स एक्स-रे इमेज को धुंधला बना देते हैं, जिससे सुरक्षा अधिकारियों को यह समझने में परेशानी होती है कि बैग में कोई संदिग्ध या खतरनाक वस्तु तो नहीं छुपी है।इसलिए ये उपकरण अलग ट्रे में रखवाए जाते हैं, ताकि इन्हें साफ़-साफ़ देखा जा सके और बैग के बाकी सामान को भी अच्छे से चेक किया जा सके। लैपटॉप और अन्य डिवाइस में लगी लिथियम-आयन बैटरियाँ ज्वलनशील होती हैं यानी ज़्यादा गर्म होने पर आग पकड़ सकती हैं। इसी कारण सुरक्षा जांच में इन पर खास ध्यान दिया जाता है|
लैपटॉप को आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा सकता है
कुछ घटनाओं में आतंकियों ने लैपटॉप के अंदर विस्फोटक (Explosives) छुपाकर सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की थी।वर्ष 2016 में सोमालिया की एक फ्लाइट में ऐसा मामला सामने आया था, जहाँ लैपटॉप में बम छुपाकर प्लेन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी।यही कारण है कि लैपटॉप को ज़्यादा सावधानी से जांचा जाता है।
लैपटॉप के साथ केबल्स और चार्जर भी जांच में भ्रम पैदा करते हैं
लैपटॉप बैग में कई बार चार्जर, USB केबल, पेन ड्राइव वगैरह भी होती हैं, जो X-Ray इमेज को और जटिल बना देती हैं। इससे अधिकारी ये तय नहीं कर पाते कि उसमें कुछ संदिग्ध है या नहीं।
आजकल लोग स्मार्ट बैग, पावर बैंक और वायरलेस डिवाइस लेकर चलते हैं। ये सभी गैजेट्स लैपटॉप के साथ मिलकर सुरक्षा स्कैन में बाधा डालते हैं। इससे जांच को अधिक समय लगता है। लैपटॉप को बैग से निकालने की मुख्य वजह सुरक्षा है। यह यात्रियों की परेशानी के लिए नहीं, बल्कि आपकी और सबकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
सुरक्षा मानकों के अंतर्राष्ट्रीय नियम
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा एजेंसियों जैसे कि:
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TSA (Transportation Security Administration – अमेरिका),
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CISF (Central Industrial Security Force – भारत),
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ICAO (International Civil Aviation Organization)