बिहार में Special Intensive Revision (SIR) के तहत Voter List की समीक्षा में चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। सबसे गंभीर मामला है Duplicate Voter ID का, जहां एक ही व्यक्ति के नाम पर दो-दो EPIC (Electors Photo Identity Cards) पाए जा रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर Election Commission ने सख्त रुख अपनाया है और अब दोषियों पर Representation of the People Act, 1950 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एक नागरिक, दो Voter ID – गैरकानूनी और दंडनीय
Section 17 और 18 के तहत, किसी नागरिक के पास दो Voter ID कार्ड होना गैरकानूनी है। अगर कोई जानबूझकर दो पहचान पत्र रखता है तो उसे एक वर्ष तक की जेल, जुर्माना, या दोनों सजा हो सकती है। इतना ही नहीं, दोहरी पहचान की स्थिति में उसका Voting Right भी रद्द किया जा सकता है।
SIR में खुलासा, Tejashwi Yadav को नोटिस
इस SIR Campaign में कई नाम सामने आए हैं, लेकिन सबसे बड़ा नाम Leader of Opposition Tejashwi Yadav का है। उन पर दो अलग-अलग स्थानों से Voter ID रखने का आरोप है। Election Commission of India (ECI) ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है और जांच शुरू हो चुकी है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कानूनन कार्रवाई संभव है।
Election Commission की अपील: एक ID तुरंत रद्द कराएं
चुनाव आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि अगर उनके पास Duplicate Voter ID हैं, तो वे तुरंत उनमें से एक को रद्द कराएं। इसके लिए दो तरीके उपलब्ध हैं:
Offline Process: संबंधित BLO (Booth Level Officer) के पास जाकर Form-7 भरें और एक पहचान पत्र हटाने का आवेदन दें।
Online Process: आयोग की वेबसाइट https://www.nvsp.in पर जाकर Form-7 के जरिए Duplicate Entry हटाएं।
Form-7 के अंतर्गत मृत्यु, स्थान परिवर्तन या दोहरे नामांकन के आधार पर नाम हटाया जा सकता है।
SIR की प्रक्रिया और निगरानी
SIR दो चरणों में संचालित हो रहा है। पहले चरण में Enumeration Form का वितरण व संग्रह हुआ, जबकि दूसरे चरण में Claims and Objections दर्ज किए जा रहे हैं। इस दौरान नागरिक नाम जोड़ने, हटवाने या जानकारी संशोधित कराने के लिए आवेदन दे सकते हैं।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि गलत जानकारी पाए जाने पर न केवल मतदाता, बल्कि संबंधित BLO, Supervisor और अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।
क्यों जरूरी है साफ-सुथरी Voter List?
Voter List चुनाव की आधारशिला है। अगर इसमें गड़बड़ी होगी, तो निष्पक्ष Election Process पर सवाल उठेंगे। एक व्यक्ति द्वारा दो बार वोट डालने की आशंका Democracy की नींव को कमजोर करती है। इसीलिए SIR को एक Reform Mission के रूप में चलाया जा रहा है, ताकि Bihar Assembly Election 2025 से पहले एक Transparent, Accurate और Updated Voter List तैयार की जा सके।