गुजरात के साबरकांठा जिले के माजरा गांव में शुक्रवार रात दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। मामूली विवाद के बाद बात इतनी बढ़ गई कि पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई। हिंसा में 30 से अधिक वाहन जलकर राख हो गए, जबकि 10 लोग घायल हुए हैं। कुछ घरों में भी तोड़फोड़ की गई और खिड़कियां चकनाचूर हो गईं।
सूचना मिलते ही पुलिस की कई टीमें मौके पर पहुंचीं और हालात को काबू में लिया। इलाके में फिलहाल भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रहे और आगे किसी भी तरह की हिंसा न भड़के।
आग, धुआं और चीख-पुकार से थर्राया गांव
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे दोनों पक्षों में किसी पुरानी रंजिश को लेकर कहासुनी हुई, जो जल्द ही हिंसा में बदल गई। देखते ही देखते दर्जनों लोग दोनों ओर से इकट्ठा हो गए और पत्थरबाजी शुरू हो गई। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने वाहनों और घरों में आग लगा दी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि “रात के समय अचानक आग की लपटें उठीं और लोग इधर-उधर भागने लगे। कई वाहन जलकर खाक हो गए और घरों की दीवारें तक टूट गईं।” इस दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। आगजनी पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग को भी बुलाया गया।
पुलिस की कार्रवाई – 20 गिरफ्तार, 120 लोगों पर केस दर्ज
डीवाईएसपी अतुल पटेल ने मीडिया को बताया कि “माजरा गांव में शुक्रवार रात आगजनी और पथराव की घटना हुई। इसमें 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है और लगभग 110-120 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।” पुलिस का कहना है कि हिंसा में 20 से अधिक दोपहिया और 10 से ज्यादा चारपहिया वाहन पूरी तरह जल गए हैं। कुछ घरों के शीशे और दरवाजे भी तोड़ दिए गए।
अतुल पटेल ने बताया कि घायल लोगों का इलाज पास के अस्पताल में कराया जा रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने यह भी कहा कि “दोनों गुटों के बीच पिछले कुछ समय से तनाव था, जिसे लेकर पुलिस को जानकारी थी, लेकिन इस बार झगड़ा अचानक भड़क गया।”
इलाके में तनाव, पुलिस की सख्त निगरानी जारी
घटना के बाद से माजरा गांव और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी है और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
वरिष्ठ अधिकारी लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है और गांव के हर प्रवेश द्वार पर चौकसी की जा रही है।
पुलिस ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा कि “दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो भी व्यक्ति हिंसा में शामिल पाया गया, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों से बढ़ा तनाव
जांच में यह भी सामने आया है कि घटना के दौरान और उसके बाद सोशल मीडिया पर कई भड़काऊ संदेश फैलाए गए, जिससे स्थिति और बिगड़ी। पुलिस साइबर टीम अब इन संदेशों की मॉनिटरिंग और ट्रेसिंग कर रही है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध पोस्ट की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
सरकार ने दिए जांच के आदेश, नुकसान का आंकलन जारी
राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। गृह विभाग ने जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। फिलहाल पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें नुकसान का आंकलन कर रही हैं। स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने और पुलिस जांच में सहयोग करने की अपील की है।
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