उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ा बदलाव लागू कर दिया गया है। अब यदि कोई भी उपभोक्ता समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं करता, तो उसके घर की बिजली अपने-आप कट जाएगी। यह कार्य किसी लाइनमैन के आने से नहीं, बल्कि सीधे घर पर लगे स्मार्ट मीटर के ऑटो-डिस्कनेक्ट फीचर से होगा। यह व्यवस्था UPPCL ने बकाया वसूली तेज करने, बिजली चोरी रोकने और राजस्व प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए लागू की है।
क्यों लानी पड़ी यह नई व्यवस्था?
बिजली विभाग के अनुसार, अब तक बकाएदारों के कनेक्शन काटने के लिए लाइनमैन को लगातार घर-घर जाना पड़ता था। इससे न सिर्फ समय और श्रम की बर्बादी होती थी, बल्कि कई मामलों में बकायेदारों से विवाद की नौबत भी आती थी। बकाया बढ़ने पर बिजली निगम को भारी राजस्व नुकसान होता था।
नई व्यवस्था में स्मार्ट मीटर सीधे मुख्य कंट्रोल सिस्टम से जुड़े होंगे। बिल न चुकाने पर कंप्यूटर से एक क्लिक में उपभोक्ता की सप्लाई बंद की जा सकेगी। इससे न केवल समय बचेगा बल्कि सिस्टम अधिक पारदर्शी भी बनेगा।
तेजी से बढ़ रहा स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (UPPCL) ने राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने की एक व्यापक योजना शुरू की है, और अब तक लगभग 4.57 लाख स्मार्ट मीटर इंस्टॉल किए जा चुके हैं। साथ ही, राज्य में सभी नए बिजली कनेक्शनों के लिए अब केवल स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, पुराने पोस्ट-पेड मीटरों को धीरे-धीरे स्मार्ट मीटर या प्रीपेड मोड में बदलने की प्रक्रिया भी जारी है। अधिशासी अभियंता संतोष कुमार के अनुसार, अब हर नए कनेक्शन पर भी स्मार्ट मीटर ही अनिवार्य किया जा रहा है।
बकाया बढ़ा तो ‘खुद-ब-खुद’ अंधेरा
जैसे ही मीटर पर बकाया राशि तय सीमा से अधिक हो जाएगी, बिजली सप्लाई अपने-आप बंद हो जाएगी। यानीन लाइनमैन आएगा, न कोई नोटिस चस्पा होगा, न कोई “जुगाड़” काम आएगाI कनेक्शन तभी वापस आएगा जब उपभोक्ता ऑनलाइन या ऑफलाइन बिल जमा करेगा। भुगतान होने के तुरंत बाद सिस्टम मीटर को फिर से चालू कर देगा।
जल्द आ सकता है प्रीपेड रिचार्ज मॉडल
विभाग के सूत्रों के अनुसार, काम पूरा होने के बाद स्मार्ट मीटर में प्रीपेड रिचार्ज सिस्टम भी लागू किया जा सकता है। इसका मतलब जितना रिचार्ज कराओगे, उतनी बिजली मिलेगी, बिना बैलेंस बिजली नहीं मिलेगी, बकाया हो तो कनेक्शन अपने-आप बंदI यह मॉडल बिजली खर्च को मोबाइल रिचार्ज की तरह आसान और पारदर्शी बना देगा।
ग्राहकों की चुनौतियां भी रहेंगी
हालांकि स्मार्ट मीटर तकनीक दक्षता बढ़ाएगी, लेकिन उपभोक्ताओं को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा
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गलत बिलिंग या तकनीकी त्रुटि की स्थिति में बिजली तुरंत कट सकती है।
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ऑनलाइन भुगतान में देरी होने पर सप्लाई रुक सकती है।
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शिकायत निस्तारण की गति बढ़ाना विभाग के लिए एक चुनौती रहेगी।

