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November 28, 2025

पीलीभीत की सड़कों पर सुरक्षा का नया दौर: 13 हाई-टेक कैमरे और डिवाइस लगाए जाएंगे, हादसों पर लगाम

The CSR Journal Magazine
पीलीभीत: जिले में सड़क सुरक्षा को मज़बूत बनाने के लिए अब हाई-टेक उपकरणों की तैनाती की जाएगी। जिले के 13 स्थानों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR), स्पीड कैमरा और अन्य एडवांस डिवाइस लगाए जाएंगे। यह पहल मुख्य रूप से सड़क दुर्घटनाओं में कमी और ट्रैफिक नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाई गई है।

हाई-रिस्क और हाई-डेंसिटी कारीडोर होंगे निशाने पर

परिवहन विभाग के एआरटीओ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि योजना के तहत हाई रिस्क कारीडोर, हाई डेंसिटी कारीडोर और क्रिटिकल जंक्शन को चिन्हित किया जाएगा। हाई रिस्क कारीडोर के लिए ऐसे सड़क खंडों को चुना जाएगा, जहाँ पिछले तीन वर्षों में कम से कम तीन दुर्घटनाएँ हो चुकी हों। वहीं, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की उन सड़कों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा, जहाँ पिछले तीन वर्षों में दो या अधिक हादसे हो चुके हों।

स्कूल और भीड़भाड़ वाले इलाके रहेंगे प्राथमिकता

सड़क सुरक्षा योजना में स्कूल और कॉलेज जैसे शैक्षिक संस्थानों के आसपास की 100 मीटर की दूरी को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा चिन्हित सड़कें भी हाई रिस्क कारीडोर में आएंगी। इससे न केवल वाहन चालकों की निगरानी होगी बल्कि पैदल यात्रियों और बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

ट्रैफिक उल्लंघन पर होगी सख्त नजर

हाई डेंसिटी कारीडोर में उन स्थानों और सड़कों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी, जहाँ ओवर स्पीडिंग, रेड लाइट जंपिंग, लेन अनुशासनहीनता और क्रॉस पेडेस्ट्रियन मूवमेंट जैसी समस्याएँ अक्सर देखने को मिलती हैं। क्रिटिकल जंक्शन के तहत ऐसे जंक्शन शामिल होंगे जहाँ कम से कम एक दुर्घटना पिछले तीन वर्षों में हुई हो।

कौन-कौन से उपकरण लगाए जाएंगे?

योजना के अंतर्गत जिले में ANPR कैमरा, स्पीड कैमरा, AI आधारित वायलेशन डिटेक्टर (मोबाइल इस्तेमाल, हेलमेट न पहनना, गलत दिशा में वाहन चलाना), रेड लाइट वायलेशन डिटेक्टर, डिजिटल साइनेज, वैरिएबल मैसेज साइन, बॉडी वार्न कैमरा, CCTV, डैशबोर्ड कैमरा, इंटरसेप्टर विद स्पीड गन और वे-इन-मोशन डिवाइस लगाए जाएंगे।
इन उपकरणों की मदद से वाहन चालकों की गति, ट्रैफिक नियमों का पालन, और रेड लाइट उल्लंघन जैसी घटनाओं की तुरंत पहचान की जा सकेगी। विभाग का मानना है कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और ट्रैफिक अनुशासन बेहतर होगा।

हादसों की रोकथाम और पैदल यात्रियों की सुरक्षा

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन उपकरणों का प्रमुख उद्देश्य दो-पहिया वाहन, साइकिल चालकों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हाई-टेक डिवाइस के माध्यम से दुर्घटनाओं की रोकथाम के साथ-साथ सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
पीलीभीत अब धीरे-धीरे सड़कों पर हाई-टेक निगरानी और सुरक्षा के लिए एक आदर्श मॉडल बनता जा रहा है। ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित कर, यह पहल जिले में सड़क सुरक्षा के स्तर को नई ऊँचाई तक ले जाने का लक्ष्य रखती है।
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