Home हिन्दी फ़ोरम मानव कल्याण के लिए काम करता है यूनाइटेड नेशंस

मानव कल्याण के लिए काम करता है यूनाइटेड नेशंस

854
0
SHARE
 
दो देशों के बीच झगडे, इंटरनेशनल बॉर्डर को लेकर युद्ध, देशों में आंतरिक कलह ये सब इतना बढ़ चुका है कि वहां मानवीय मूल्यों की आहुति दी जा रही है। कई देशों में तानाशाहों का आतंक है तो आतंकवादी आए दिन लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं। यहां तक कि कई ऐसे देश है जो खुले तौर पर आतंकी गतिविधियों को पनाह देते है। इसको नियंत्रित्र करने के लिए हर देश अपने स्तर पर तो काम करते ही हैं। साथ ही इन सबके ऊपर नजर रहती हैं दुनिया के सबसे बड़ी संघ, जिसका नाम है संयुक्त राष्ट्र संघ। यानी यूनाइटेड नेशंस। 24 अक्टूबर यानी आज यूनाइटेड नेशंस डे (United Nations Day) है, इस ख़ास मौके पर आज हम आपको बड़ी ही आसान भाषा में यूनाइटेड नेशंस और उनके कामों की पूरी जानकारी बताते है।

 

जाति, धर्म और देश से ऊपर उठकर पूरे संसार के कल्याण के लिए काम करता है यूनाइटेड नेशंस

United Nations एक इंटरनेशनल बॉडी है जो जाति, धर्म और देश से ऊपर उठकर पूरे संसार के कल्याण के लिए काम करता है। यूनाइटेड नेशंस ने दुनिया भर में कई अहम मौकों पर मानव जीवन की सेवा कर एक आदर्श प्रस्तुत किया है। कोरोना काल में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (World Health Organisation) के कामों को पूरी दुनिया ने देखा। विश्व में मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना हो या फिर शिक्षा को बढ़ावा देना हो। UN हमेशा आगे रहता है। संयुक्त राष्ट्र का मुख्य उद्देश्य विश्व में युद्ध रोकना, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना। मानव अधिकारों की रक्षा करना, अंतरराष्ट्रीय कानून को निभाने की प्रक्रिया जुटाना, सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा, जीवन स्तर सुधारना और बीमारियों से लड़ना और सबसे महत्वपूर्ण और आज की सबसे ज्यादा जरुरत है सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को बढ़ावा देना।

यूनाइटेड नेशंस की ये है प्रमुख एजेंसियां

संयुक्त राष्ट्र एक International Organisation है और इसके कई स्वतंत्र एजेंसीज भी हैं जो हर मानवीय मुद्दे को अलग अलग स्तर पर सुलझाती हैं। यूनाइटेड नेशंस की प्रमुख स्वतंत्र संस्थाओं में से ये कुछ महत्वपूर्ण एजेंसियां है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन, यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट (UNDP), UNICEF, World Food Programme, UN Habitat, वर्ल्ड बैंक, UN वीमेन और इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाईजेशन। ये सभी एजेंसियां यूनाइटेड नेशंस के अधीन काम करती है। लेकिन सभी एजेंसियों के काम की अपनी अपनी विशेषताएं है।

यूनाइटेड नेशंस की ये एजेंसियां ये करती है काम

मसलन अगर हम बात करें WHO की तो वैश्विक स्तर पर सभी लोगों की भलाई के लिए समर्पित और विज्ञान द्वारा निर्देशित, सभी को हर जगह एक स्वस्थ जीवन जीने का एक समान मौका देने के प्रयासों का नेतृत्व करता है। UNDP की बात करें तो Sustainable Development Goals के अंतर्गत गरीबी और असमानताओं को खत्म करने, धरती की रक्षा करने और सभी लोगों को शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए काम करती है। यूएनडीपी लगभग 170 देशों में काम करता है। UNICEF की बात करें तो UNICEF बच्चों के जीवन को बचाने के लिए, उनकी रक्षा, बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण के लिए काम करते हैं। World Food Programme 80 से अधिक देशों के लिए शून्य भूख वाली दुनिया के अंतिम लक्ष्य के साथ, जीवन को बचाने और बदलने के लिए काम करता है। UN वीमेन की बात करें तो ये महिलाओं के लिए काम करते है।

कब हुई थी संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) की स्थापना

तो मोटे मोटे तौर पर ये कुछ एजेंसियों और उनके कामों की जानकारियां थी। इतिहास के पन्नों को अगर हम खंगाले तो एक विश्व स्तर पर संस्था बनाने की रूपरेखा पर कई ताकतवर देश एक साथ आये और फिर 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। आज संयुक्त राष्ट्र संघ में 193 सदस्य हैं।संयुक्त राष्ट्र की सफलताओं और विफलताओं की बात करें तो हम जरूर सोचते हैं कि आखिर क्यों एक संस्था जो सभी देशों और सभी सरकारों से ऊंची है वह विफल हो जाती है तो इसका कारण जो एक्सपर्ट बताते है कि यूनाइटेड नेशंस में भी ताकतवर देशों की तूती बोलती है। अगर ऐसा नहीं होता तो इराक और अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ क्या उसे संयुक्त राष्ट्र देख नहीं पाया। आखिर क्यों लीबिया जैसे देशों में नरसंहार होने दिया गया। विफलताओं के बाद अगर सफलताओं पर नजर डालें तो पता चलता है कि संयुक्त राष्ट्र ने कई क्षेत्रों में अच्छा काम भी किया है। यूनेस्को, यूनिसेफ जैसे संगठनों ने आम आदमी के जीवन को आसान बनाने में खास योगदान दिया है।

सबसे अहम बात भारत और संयुक्त राष्ट्र

भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र का व्यवहार हमेशा सामान्य ही रहा। हालांकि कुछ मौकों पर भारत को इस संस्था से निराशा हाथ लगी। वर्ष 1948 में जम्मू-कश्मीर समस्या, वर्ष 1971 का पूर्वी पाकिस्तान का संकट और आजकल आतंकवाद के मुद्दे पर जिस तरह से संयुक्त राष्ट्र ने भारत के साथ व्यवहार किया उससे आम जनता का इस पर से थोड़ा भरोसा कम हुआ है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत स्थायी सदस्यता की दावेदारी कर रहा है पर उसे अभी तक यह दर्जा हासिल नहीं हुआ है।