बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। राज्य में 40 साल बाद ऐसा होने जा रहा है जब मतदान दो चरणों में संपन्न होगा। इससे पहले 1985 के चुनाव में भी दो फेज में वोटिंग हुई थी। इस बार 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा। सबसे खास बात यह है कि यह वोटिंग महापर्व छठ के 8 दिन बाद हो रही है। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। पूरी चुनावी प्रक्रिया 40 दिनों तक चलेगी।
पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में राज्य के बॉर्डर एरिया की सभी 122 सीटों को शामिल किया गया है।
7.42 करोड़ वोटर, पहली बार मतदान करेंगे 14 लाख
इस विधानसभा चुनाव में कुल 7.42 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें लगभग 14 लाख लोग ऐसे हैं जो पहली बार वोट डालेंगे। मतदाताओं में 100 साल से ऊपर के भी करीब 14 हजार वोटर शामिल हैं। वोटिंग के लिए कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 76,801 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इन बूथों पर औसतन 818 वोटर रजिस्टर्ड हैं। इस बार सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग (100%) की व्यवस्था की गई है, और 1,350 मॉडल बूथ बनाए गए हैं। साथ ही, पोलिंग बूथ तक मोबाइल ले जाने की अनुमति भी होगी। बुजुर्ग या असमर्थ वोटर फॉर्म 12 D भरकर घर से भी मतदान कर सकेंगे।
1985 का इतिहास: 4 मुख्यमंत्री वाला कार्यकाल
1985 में जब दो चरणों में चुनाव हुए थे, तब कांग्रेस ने 196 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। उस वक्त लोक दल मुख्य विपक्षी पार्टी बनी थी और भाजपा को 16 सीटें मिली थीं। दिलचस्प बात यह है कि उस चुनाव के बाद एक ही कार्यकाल में बिहार में चार मुख्यमंत्री (बिंदेश्वरी दुबे, भागवत झा आजाद, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, और जगन्नाथ मिश्र) बदले थे।
विधानसभा की मौजूदा स्थिति: बहुमत का आंकड़ा 122
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की दरकार होती है। वर्तमान में राज्य में जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन वाली एनडीए सरकार है। फिलहाल विधानसभा में बीजेपी के पास 80, आरजेडी के पास 77, जेडी(यू) के पास 45 और कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं। आरजेडी के तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष हैं।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!