बिहार से कोलकाता जा रही एक यात्री बस से 72 लाख रुपये की भारी नकदी बरामद होने के बाद पुलिस हैरान रह गई। यह घटना गुरुवार देर रात को पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले के मेमारी पालसीट टोल प्लाजा पर हुई। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने इस बस को रोका और जब इसकी तलाशी ली गई तो अंदर छिपाए गए दो बैगों को देखकर पुलिस के होश उड़ गए। उन बैगों में एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 72 लाख रुपये नकद भरे थे।
बिहार से बंगाल तक करोड़ों का सफर: क्या है माजरा?
पुलिस को मिले इन नोटों की गिनती के लिए थाने में नोट गिनने वाली मशीन मंगवानी पड़ी। इतनी बड़ी रकम का मिलना यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर यह पैसा किस मकसद से ले जाया जा रहा था। इस भारी नकदी के संबंध में बस में मौजूद किसी भी व्यक्ति के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था। इस मामले में पुलिस ने बस के दो ड्राइवर, एक खलासी और एक यात्री समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए लोगों की पहचान नवीन कुमार सिंह, बबलू दास (ड्राइवर), कृष्ण दास (खलासी) और शंभुनाथ वर्मा (यात्री) के रूप में हुई है।
गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा: क्या है असली कहानी?
प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि सभी आरोपी बिहार के भागलपुर और बांका जिले के रहने वाले हैं। पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें अदालत में पेश किया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई और उन्हें पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इतनी बड़ी रकम का असली मालिक कौन है और इसे कोलकाता में किसके पास पहुंचाया जाना था।
कोलकाता में कौन था इस काले धन का ‘सौदागर’?
यह घटना बताती है कि गुप्त सूचना तंत्र कितना महत्वपूर्ण होता है। इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस गहन जांच कर रही है ताकि इस काले धन के पीछे छिपे असली सौदागरों को बेनकाब किया जा सके। यह पूरी घटना बिहार से लेकर बंगाल तक चल रहे हवाला रैकेट की ओर इशारा कर रही है, जिसका खुलासा होना अभी बाकी है।