देश प्रदेश में जब भी चुनाव आते है मानों गरीबों के लिए त्यौहार आ जाता है। चुनाव अपने देश में लोकतांत्रिक पर्व तो है लेकिन जब भी चुनाव होने होते है, गरीबों की ना सिर्फ चांदी...
हमारी सांसे उखड़ रही थी, हमारी आस टूट रही थी, हमारे जहन में लगातार सवाल उठता कि क्या धरती पर इंसान का अस्तिव्त खतरे में आ गया है। हम इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे।...