भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. नमामि गंगा घाट बाढ़ के पानी में डूब गया, जिससे स्नान और प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. बाजार और सड़कों पर 3-4 फीट पानी भरने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
भागलपुर जिले में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से हालात बिगड़ने लगे हैं. सुल्तानगंज स्थित नमामि गंगा घाट बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूब चुका है. घाट के आसपास का बाजार और कई दुकानें पानी में समा गई हैं. सड़कों पर तीन से चार फीट तक पानी भर गया है, जिससे स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गंगा स्नान और प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध
जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए नमामि गंगा घाट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. घाट पर स्नान और प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं को केवल अजगैबीनाथ घाट पर ही स्नान करने की अनुमति दी है, जहां सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल की तैनाती, गोताखोरों की मौजूदगी और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है.
व्यापार पर बुरा असर, दुकानदारों को नुकसान
जलस्तर बढ़ने से घाट किनारे की दुकानें जलमग्न हो गई हैं. दुकानदारों को मजबूरन अपना सामान हटाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है. इस बाढ़ की वजह से कारोबार ठप हो गया है और रोजाना की आमदनी पर गहरा असर पड़ा है. वहीं, जलभराव के कारण आसपास के इलाकों में लोगों के आने-जाने में भी मुश्किलें बढ़ गई हैं.
प्रशासन अलर्ट मोड में
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. राहत और बचाव दल लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें और गंगा स्नान से फिलहाल परहेज करें.
संक्रामक रोग फैलने का खतरा
पानी भरने से न केवल व्यापार और आवागमन प्रभावित हुआ है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ गए हैं. बाढ़ का गंदा पानी दुकानों और घरों में घुसने से संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है. प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा है.