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November 18, 2025

‘Suicide Bombing’ एक Misunderstood Concept: दिल्ली हमलावर के वीडियो में आतंकवाद का नया चेहरा

The CSR Journal Magazine
दिल्ली के ऐतिहासिक Red Fort के पास हुए भीषण कार ब्लास्ट के एक सप्ताह बाद एक स्व-रिकॉर्डेड वीडियो सामने आया है, जिसमें हमलावर डॉ. उमर मोहम्मद (उमर-उन-नबी) अपने कट्टरपंथी विचारों को खुलकर व्यक्त करता नजर आता है। इस धमाके में 13 लोगों की मौत हो गई थी। वीडियो में उमर “suicide bombing” को एक गलत समझा गया विचार बताते हुए इसे “martyrdom operation” कहता है और अपनी कार्रवाई को धार्मिक रूप से जायज़ ठहराने का प्रयास करता है।

‘Suicide Bombing नहीं, Martyrdom Operation’: हमलावर का खतरनाक तर्क

वीडियो में उमर शांत और संयत आवाज़ में कहता है कि “One of the very misunderstood concepts is suicide bombing।” उसका दावा है कि वह आत्महत्या नहीं कर रहा बल्कि एक “शहादत मिशन” पर है—एक ऐसी जिहादी कार्रवाई जिसे वह धार्मिक रूप से उचित बताने की कोशिश करता है।
वह आगे कहता है:
“Don’t fear death… It will happen if it is destined.”
उसके तर्क यह संकेत देते हैं कि वह आत्महत्या और आत्म-बलिदान (martyrdom) के बीच का अंतर धार्मिक और दार्शनिक स्तर पर तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है।
धर्म में आत्महत्या स्पष्ट रूप से वर्जित है, लेकिन उमर इसे शहादत का रूप देकर वैध साबित करने की कोशिश करता है।

वीडियो से साफ़: हमला पहले से प्लान्ड था, दुर्घटना नहीं

यह वीडियो यह भ्रम तोड़ता है कि ब्लास्ट किसी तकनीकी गलती या एक्सप्लोसिव हादसे का परिणाम था। उमर की बातें बताती हैं कि हमला पूरी तरह योजनाबद्ध था और घातक विचारधारा पर आधारित एक मिशन की तरह अंजाम दिया गया। जांच एजेंसियों को अब इस बात के स्पष्ट संकेत मिले हैं कि यह हमला लंबे समय से तैयार किए जा रहे एक आतंकी ऑपरेशन का हिस्सा था।

‘White Collar Terror’: पढ़े-लिखे युवाओं की खतरनाक Radicalisation

जांच में सामने आया है कि इस हमले के पीछे एक white collar terror ecosystem काम कर रहा था—
● उच्च शिक्षित पेशेवर
● डॉक्टर
● कॉलेज स्टूडेंट
● टेक्निकल बैकग्राउंड वाले युवा
इन सबको एक नेटवर्क के माध्यम से radicalised किया जा रहा था।
Jaish-e-Mohammed जैसे संगठनों के लिंक मिले हैं, जो encrypted channels पर युवाओं को विचारधारा सिखा रहे हैं।
ये समूह—
विदेशी हैंडलर्स से जुड़े हैं
सोशल/चैरिटी नेटवर्क के बहाने फंडिंग जुटाते हैं
पाकिस्तान और अन्य स्थानों से निर्देश लेते हैं
यह आतंकी ढांचा संकेत देता है कि आतंकवाद अब सिर्फ गरीब या असाक्षर लोगों तक सीमित नहीं, बल्कि शिक्षित और विश्लेषणात्मक दिमाग वाले लोग भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं।

‘Educated Radicalisation’: आतंकवाद का नया और सबसे बड़ा खतरा

डॉ. उमर का वीडियो इस बात की कड़ी चेतावनी है कि आतंकवाद का नया चेहरा educated radicalisation का है।
यह वह विचारधारा है जिसमें—
पढ़े-लिखे लोग, बौद्धिक क्षमता वाले युवा, टेक्नोलॉजी समझने वाले प्रोफेशनल
जिहादी मानसिकता में ढल रहे हैं।
यह चुनौती अब सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की नहीं, बल्कि समाज और सरकार की भी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि—
विचारधारात्मक कट्टरता, गलत धार्मिक व्याख्या, ऑनलाइन radicalisation
का मुकाबला किया जाए।
डॉ. उमर की यह chilling वीडियो यह स्पष्ट करती है कि अब जंग सिर्फ बम और बंदूकों की नहीं, बल्कि विचारों और विश्वासों की है।

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