राजस्थान के Churu District से एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। चुरू के Government Mother-Child Hospital में जन्मे मात्र 5 घंटे के नवजात शिशु की गला दबाकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। पुलिस को मौके से गले पर दबाव के निशान मिले हैं और मामले की जांच कई कोणों से की जा रही है।
घटना की पूरी कहानी: जन्म के 5 घंटे बाद मासूम की हत्या
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार की रात करीब 12 बजे प्रसूता गुड्डी देवी (40 वर्ष) ने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया था। लेकिन शुक्रवार सुबह जब मां ने बच्चे को उठाने की कोशिश की, तो वह बिना हरकत के मिला। परिजनों ने बच्चे को तुरंत ICU में पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों ने जब शिशु के शरीर की जांच की, तो गले पर उंगलियों के निशान पाए गए। इससे साफ था कि यह natural death नहीं बल्कि हत्या है। ICU In-charge Dr. Nikita ने तुरंत पुलिस को रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर murder case under IPC Section 302 दर्ज कर लिया गया।
मां और मौसी पर शक, पोस्टमार्टम और DNA रिपोर्ट का इंतजार
पुलिस के अनुसार, घटना के समय वार्ड में मौजूद केवल मां, मौसी मैना, भाई मनीराम और एक छोटी लड़की थे। प्रारंभिक जांच में मां और मौसी दोनों पर संदेह जताया जा रहा है।
Kotwali CI Kharam Chotia ने बताया कि, “प्रथम दृष्टया मामला manual strangulation (गला दबाकर हत्या) का लगता है, लेकिन असली सच्चाई postmortem report और DNA analysis आने के बाद ही सामने आएगी।” फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता को discharge नहीं करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने दो से तीन अन्य संदिग्धों की पहचान कर पूछताछ शुरू कर दी है।
CCTV Cameras न होना बना जांच में बाधा
सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि अस्पताल के उस वार्ड में CCTV cameras ही नहीं लगे थे।
पुलिस को इस बात पर हैरानी है कि चुरू जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में, जहां रोज सैकड़ों प्रसव होते हैं, वहां सुरक्षा के इतने basic infrastructure तक नहीं हैं।
मां की कहानी: पति बीमार, घर में पहले से चार बच्चे
पुलिस जांच में पता चला है कि महिला गुड्डी देवी, सरदारशहर के अजीतसर गांव की रहने वाली है। उसका पति ताराचंद पिछले सात वर्षों से गंभीर रूप से बीमार है। महिला के दो बेटियां और दो बेटे पहले से हैं।
अस्पताल स्टाफ के अनुसार, प्रसूता के पास गर्भावस्था के दौरान की कोई medical report या check-up slip नहीं थी। इससे आशंका जताई जा रही है कि वह regular antenatal care नहीं ले रही थी।
सवालों के घेरे में पूरा परिवार
पुलिस सूत्रों के अनुसार, नवजात के जन्म की जानकारी परिजनों को दी गई थी, लेकिन कोई भी व्यक्ति बच्चे को लेने अस्पताल नहीं पहुंचा। मौसी मैना ने बयान दिया कि “प्रसव के बाद वह थक गई थी और मां के पास बच्चे को सुलाकर सो गई थी। सुबह पांच बजे देखा तो बच्चे में कोई हरकत नहीं थी।” मगर पुलिस को इस बयान पर शक है, क्योंकि बच्चे के शरीर पर मिले fresh finger marks इस बात की ओर इशारा करते हैं कि किसी ने जानबूझकर उसकी हत्या की है।
Postmortem और DNA Report से खुलेगा राज़
मृतक शिशु का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया है। डॉक्टरों ने डीएनए सैंपल भी सुरक्षित रखे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चे की मौत परिवार के किसी सदस्य की वजह से हुई या किसी बाहरी व्यक्ति की।
फिलहाल sample forensic lab में भेजे गए हैं और रिपोर्ट का इंतजार है।
अस्पताल प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
घटना के बाद Hospital Superintendent Dr. R.K. Sharma ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और Internal Inquiry Committee गठित की है। पुलिस ने ward staff, nurses और duty doctor से पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही, हॉस्पिटल सिक्योरिटी सिस्टम और CCTV installation की भी जांच की जा रही है।
मानवता पर सवाल, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों ने इस घटना को “Humanity की सबसे बड़ी हार” बताया है।
सोशल मीडिया पर लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि अस्पतालों में CCTV monitoring system अनिवार्य किया जाए ताकि इस तरह की वारदातें दोबारा न हों।
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