कोरोना के इस संकट काल में सबसे ज्यादा अगर कोई इस बीमारी से जूझ रहा है तो वो है हमारे बड़े बुजुर्ग, कोरोना बुजुर्गों पर मानों एक कहर बनकर टूटा है, कोरोना से अगर देश में सबसे ज्यादा मौत हुई है तो वो है बुजुर्गों की। सीनियर सिटीजन होने के बाद शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता घट जाती है लिहाजा कोरोना की चपेट में आने के बाद बुजुर्गों के रिकवरी होने में ज्यादा दिक्क्त होती है। इन सभी चुनौतियों को देखते हुए नीति आयोग (Niti Aayog) और पिरामल फाउंडेशन (Piramal Foundation) संयुक्त रूप से हमारे बुजुर्गों की मदद के लिए सामने आया है।
नीति आयोग और पिरामल फाउंडेशन ने शुरू किया सुरक्षित दादा दादी-नाना नानी अभियान
नीति आयोग ने पिरामल फाउंडेशन के साथ सुरक्षित दादा दादी-नाना नानी कैंपेन शुरू किया है। इस कैंपेन का उद्देश्य बुजुर्गो को लॉकडाउन के समय में सहायता पहुंचाना है। पिरामल फाउंडेशन पूरे देश में इस योजना को कार्यान्वित कर रही है। जिसका उद्घाटन मंगलवार को नीति आयोग के सीईओ अमिताभकांत ने ऑनलाइन किया। इस मौके पर पिरामल फाउंडेशन (Piramal Foundation) के चेयरमैन अजय पिरामल, पिरामल फाउंडेशन की कोर कमेटी के सदस्य मनमोहन सिंह भी मौजूद थे।
25 एस्पिरेशनल जिलों में शुरू हुआ अभियान
सुरक्षित दादा दादी-नाना नानी कैंपेन देश के 25 आकांक्षी जिलों (Aspirational District) में इसकी शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत वरिष्ठ नागरिकों को फोन के जरिए संपर्क करके उनकी जरूरतों व स्वास्थ्य संबंधित जानकारी हासिल की जाएगी। जिससे उन बुजुर्गों को संक्रमित होने से बचाया जा सके और कोरोना वायरस के प्रकोप को कम किया जा सके। इस कैंपेन के तहत जिले में रह रहे बुजुर्गो को फोन काल कर उनका हाल चाल पूछा जाएगा, जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाया जायेगा। यह काम स्वयंसेवक करेंगे। आसाम, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान राज्यों के 25 एस्पिरेशनल जिलों में फिलहाल 11 हज़ार से ज्यादा स्वयंसेवकों का समूह बनाया गया है। जो ये बुजुर्गो तक पहुंचकर मदद के हाथ बढ़ाएंगे।
2.9 मिलियन सीनियर सिटीजन तक मदद पहुंचाने का लक्ष्य
एक आकड़ों की माने तो इस अभियान के तहत 2.9 मिलियन सीनियर सिटीजन तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। 5826 बुजुर्गों तक स्वयंसेवक पहुंच कर मदद कर भी चुके है और अबतक 17339 बुजुर्गों का हालचाल जाना गया है। इस अभियान में कुछ मुश्किलें भी सामने आ रही है, इनमें से कुछ बुजुर्गों के पास या उनके परिवार के पास मोबाइल नहीं है। ऐसे में बुजुर्गों के आसपास रह रहे लोगों से भी उनकी मदद करने की अपील की जाएगी। इस काम के लिए स्वसंसेवकों को अलग से प्रशिक्षण भी दिया गया है। बहरहाल नीति आयोग की ये पहल बेहद ही सराहनीय है, इससे ना सिर्फ बुजुर्गों तक मदद मिलेगी बल्कि हमारे बड़े बुजुर्गों को कोरोना से भी बचाया जा सकेगा।
क्या होता है एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट
नीति आयोग (Niti Aayog) ने पीएम नरेंद्र मोदी के संकल्पना को ध्यान में रखते हुए देश के 112 जिलों को महत्वाकांक्षी जिला घोषित किया है। आयोग के अनुसार ये जिले देश के अन्य जिलों की तुलना में अपेक्षाकृत कम विकसित हैं, इन जिलों को ‘एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट’ भी कहा जाता है। इन जिलों में कम लोग कोरोना वायरस से प्रभावित है। हालही में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ये जानकारी देते हुए बताया था कि 112 जिलों में केवल 532 कोरोना वायरस के मामले हैं यानि कुल देश के कुल मामलों का 2.3 फीसदी हिस्सा जो बेहद कम है।