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September 22, 2025

तेजस्वी यादव पर बढ़ते Controversies, NDA की Strategy बनी बड़ी Challenge

The CSR Journal Magazine
बिहार की राजनीति में Tejashwi Yadav लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। उनकी Youth Appeal और Social Justice की राजनीति उन्हें NDA के विरुद्ध मजबूत Option बनाती है, लेकिन बढ़ते Controversies, Family Disputes और Legal Cases उनकी Political Image पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
महागठबंधन की अस्थिरता और अंदरूनी कलह ने उनके सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। हाल ही में Mahua Rally में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए कथित अपशब्दों ने विवाद को और गहरा कर दिया है। भाजपा ने इसे गंभीर मामला बताया है, जबकि राजद का कहना है कि यह Morphed Audio-Video है। बावजूद इसके, यह मुद्दा अभी और तूल पकड़ने वाला है।

Family Disputes और Internal Politics

तेजस्वी यादव का Political Journey लगातार विवादों में घिरा रहा है। कभी Tej Pratap Yadav के Party और Family से मतभेद चर्चा का विषय बने, तो कभी बहन Rohini Acharya की नाराजगी सामने आई। सलाहकार संजय यादव की कथित दखलअंदाजी को लेकर भी विरोध के स्वर उठे।

Past Remarks और Political Fallout

यह पहली बार नहीं है जब तेजस्वी यादव किसी विवादित बयान से घिरे हों। 2023 में उनका बयान “केवल Gujarati ही गुंडे” को लेकर उन्हें देशव्यापी आलोचना झेलनी पड़ी थी। हाल ही में Khagaria Rally के दौरान मुख्यमंत्री Nitish Kumar के स्वास्थ्य पर टिप्पणी को भाजपा ने “नीचता” करार दिया। इसके अलावा, दरभंगा में राहुल गांधी की Voter Adhikar Yatra के दौरान भी प्रधानमंत्री और उनकी दिवंगत मां को लेकर दिए गए बयान से राजनीतिक भूचाल आ चुका है।

Social Media और Support Base

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तेजस्वी की राजनीतिक यात्राओं को उनके समर्थक सराहते हैं, वहीं विरोधी उन्हें Sanskarहीन बताते हैं। विरोधाभास के बावजूद, यादव और मुस्लिम वोटबैंक के साथ-साथ युवा वर्ग में उनकी Popularity बनी हुई है। C-Voter Survey के अनुसार, तेजस्वी आज भी बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे Popular Face माने जाते हैं।

Leadership Claim और Mahagathbandhan Equation

अप्रैल 2025 में तेजस्वी यादव ने खुद को महागठबंधन का CM Candidate घोषित किया था, लेकिन कांग्रेस ने इसे औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया। बाद में उन्होंने कहा कि महागठबंधन बिना Chief Minister Face के चुनाव नहीं लड़ेगा। हालांकि, AIMIM को गठबंधन में शामिल करने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया, जिससे सीमांचल में मुस्लिम वोटों के बिखराव की आशंका बढ़ गई है।

Legal Troubles

तेजस्वी के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके खिलाफ दर्ज Criminal Cases हैं। 2020 के शपथपत्र में उन्होंने 11 मामलों का जिक्र किया था, जिनमें IRCTC Scam, Land-for-Job Scam, Money Laundering जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इसके अलावा, CBI और ED Investigations जारी हैं। शक्ति मलिक Murder Case में भी उनके और तेजप्रताप यादव के नाम सामने आ चुके हैं।

NDA की Strategy vs Tejashwi’s Popularity

राजद का आंतरिक सर्वे भले ही NDA को आगे दिखा रहा हो, लेकिन तेजस्वी का दावा है कि यदि महागठबंधन एकजुट रहा, तो वे 150 से ज्यादा सीटें जीत सकते हैं। हालांकि, NDA की मजबूत रणनीति और Jungle Raj की Shadow अभी भी उनके लिए सबसे बड़ी Challenge है।
तेजस्वी यादव की Popularity और Controversies के बीच यह तय होना बाकी है कि 2025 का चुनाव उनके लिए अवसर साबित होगा या चुनौती।
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