राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में उपचार अब उन लोगों के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है, जिनके पास जनआधार या राजस्थान लिंक आधार उपलब्ध नहीं है। बीमा योजना में पंजीकरण न होने या दस्तावेज अधूरे होने पर मरीजों को मुफ्त इलाज का लाभ नहीं मिलता। नतीजतन, ऐसे लोगों को सरकारी अस्पतालों में भी इलाज के लिए उतनी ही राशि चुकानी पड़ रही है, जितनी निजी अस्पताल वसूलते हैं।




