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March 11, 2025

पहले सीएम मदद के लिए दौड़े, अब सामाजिक संस्थाओं ने की पहल

19 जुलाई की रात महाराष्ट्र के रायगड़ जिले के खालापुर इरशालवाड़ी गांव के निवासियों के लिए एक लंबी रात साबित हुई। आधी रात को जब लोग गहरी नींद में थे तो मानो प्रकृति ने कहर बरपा दिया हो। खालापुर के इरशालगढ़ के पूरे गांव भूस्खलन हो गया। जिसके बाद कई परिवार मलबे में दब गए। यह खबर सुनते ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सुबह छह बजे अपने घर से निकले और आठ बजे वे घटनास्थल पर पहुंच गए। घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण थी। CM Eknath Shinde ने तुरंत सरकारी और अर्ध-सरकारी मशीनरी को काम पर लगा दिया और कुछ ही पलों में मदद के हजारों हाथ उठ गए। राहत कार्य गंभीरता से शुरू हो गया। मुख्यमंत्री पीड़ितों से व्यक्तिगत मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दे रहे थे। राहत कार्य में तेजी आई और करीब 11.30 बजे मुख्यमंत्री का काफिला वहां से निकल गया। वहां मौजूद लोगों को लगा कि मुख्यमंत्री मुंबई लौट आये।

खुद घटनास्थल पर रहकर सीएम एकनाथ शिंदे ने किया राहत बचाव का नेतृत्व

लेकिन मुख्यमंत्री अपने संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। मुख्यमंत्री अचानक घटनास्थल की ओर चल पड़े। वे सीधे इरशालवाड़ी पहुंचे। इस वाडी तक पहुंचने के लिए पगडंडी का रास्ता आसान नहीं था। ऊपर से भारी बारिश, फिर भी सीएम नहीं रुके। पगडंडी के नीचे 30 डिग्री से अधिक का ढलान था। ऐसी परिस्थितियों में भी मुख्यमंत्री सिर्फ दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए पैदल चल रहे थे। घने झाड़ियों के बीच से रास्ता बनाते हुए वे हर पंद्रह से बीस मिनट में एक पल के लिए रुकते थे। मुख्यमंत्री दरअसल तबाह हुई बस्ती में आये और बचाव कार्य का नेतृत्व किया। आसमान से गिरती मूसलाधार बारिश, नीचे फिसलन भरी चट्टानों का रास्ता, अगर पैर फिसल गए तो क्या होगा। यह जानते हुए भी यह मुख्यमंत्री बिना किसी हिचकिचाहट के सभी आम लोगों के दुख-दर्द में शामिल होने पहुंच गए। डेढ़ घंटे तक पैदल चलने के बाद मुख्यमंत्री पहुंचे और असल रेस्क्यू ऑपरेशन देखा।

राहत बचाव के लिए ये कॉरपोरेट्स आये सामने

लगातार घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है, ना सिर्फ सरकारी यंत्रणा बल्कि सामाजिक संस्थाओं ने भी पीड़ितों के लिए मदद के हाथ बढ़ाएं हैं।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अपील के बाद में रायगड़ जिले के कॉरपोरेट्स और सामाजिक संस्थान आगे आये हैं। Reliance Foundation, JSW Foundation, Annamrita Foundation जैसे कॉरपोरेट और सामाजिक संस्था सामने आकर राहत बचाव कर रहे हैं। इसके द्वारा जिला प्रशासन की ओर से घटना स्थल पर सुविधाएं बनाने के लिए सामान भेजे जा रहे हैं। इसमें बड़े पैमाने पर कंटेनर राहत सामग्री और आश्रय के लिए घटना स्थल के बेस कैंप पर पहुंच रहे हैं। ये कंटेनर उरण, जेएनपीटी, रत्नागिरी एमआईडीसी (MIDC) से रवाना हुआ है। खालापुर में एक अस्थायी आश्रय की व्यवस्था भी की जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों और रेस्क्यू टीम के लिए भोजन के पैकेट, चादर-कंबल, अस्थायी आश्रय, कंटेनर, पानी की बोतलें, टॉर्च, बिस्कुट और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री जैसी राहत सामग्री का आना शुरू हो गया है। इस हादसे में प्रभावित लोगों की मदद के लिए जिला प्रशासन ने भी मदद की अपील की है।

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