राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इन दिनों Fake Fertilizers और नकली बीज के खिलाफ सख्त एक्शन मोड में हैं। अजमेर के बाद श्रीगंगानगर में की गई factory raids ने न सिर्फ अवैध कारोबारियों की नींद उड़ा दी, बल्कि सियासी गलियारों में भी हलचल बढ़ा दी है।
विशेष बात यह है कि कार्रवाई उन्हीं इलाकों से शुरू हुई है, जहां केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री का राजनीतिक प्रभाव माना जाता है। ऐसे में चर्चाएं गरम हैं कि क्या किरोड़ी मीणा anti-corruption drive के साथ-साथ राजनीतिक संदेश भी दे रहे हैं?
नकली खाद-बीज के खिलाफ कार्रवाई तेज
किशनगढ़ (अजमेर) से शुरू हुए इस अभियान में जांच टीमों ने ऐसी फैक्ट्रियों पर छापा मारा, जहां DAP और Potash जैसे उर्वरक मार्बल पाउडर, बजरी और रंग मिलाकर बनाए जा रहे थे।
श्रीगंगानगर में लगातार दो दिनों तक बीज फैक्ट्रियों पर रेड की गई, जहां भारी मात्रा में chemical-mixed नकली बीज बरामद हुए।
कांग्रेस का सवाल: “क्या इस अवैध नेटवर्क को राजनीतिक संरक्षण है?”
Opposition को एक बार फिर सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। कांग्रेस ने तीखा सवाल उठाया — “जब मंत्री खुद कह रहे हैं कि पूरे देश में नकली खाद-बीज की गैंग सक्रिय है, तो अब तक ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या इस नेटवर्क को किसी का संरक्षण प्राप्त है?”
कानून पालन या सियासी संदेश?
यह पहला मौका नहीं है जब किरोड़ी मीणा ने अपनी ही सरकार के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया है। इससे पहले वे paper leak और recruitment exam scams पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि किरोड़ी मीणा का यह एक्शन केवल agriculture regulation सुधारने के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे internal power dynamics का संकेत भी छिपा हो सकता है।