बिहार के गया जी मे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दशरथ मांझी के परिवार से पिछले महीने जून महीने में मुलाक़ात की थी, अब दशरथ मांझी के परिवार के लिए राहुल गांधी ने बड़ा तोहफा दिया है, उस सौगात को सौंपने के लिए खुद राहुल गांधी गया पहुंचेंगे, हालांकि अभी उस सौगात को सौंपने का समय निर्धारित नहीं हुआ है , क्योंकि उस को पूरा होने में कुछ समय लगेगा, दशरथ मांझी का कच्चा घर अब बनेगा पक्का
राहुल गांधी से मिली सौगात से दशरथ मांझी के परिवार के लोग भी खुश हैं, उनका कहना है कि उनके घर कई बड़े नेता अभिनेता आए , लेकिन किसी ने वह काम नहीं किया जो राहुल गांधी ने उनके लिए कर दिया है
राहुल गांधी ने अपना फ़र्ज़ निभाया
असल में कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी पिछले महीने जून 2025 में बिहार के गया और राजगीर के एक दिवसीय दौरे पर थे, राजगीर जाने के क्रम में उन्हों ने स्वर्गीय बाबा दशरथ मांझी के परिवार से मुलाकात की थी , राहुल गांधी जिस मिट्टी के मकान में बैठकर परिवार के लोगों से मुलाकात की थी,अब उस मकान को पक्का मकान कराया जा रहा है, हालांकि ये कोई और नहीं बल्कि खुद राहुल गांधी करवा रहे हैं, दशरथ मांझी के एकलौते पुत्र भगीरथ मांझी के परिवार के लिए वो एक घर का निर्माण करा रहे हैं, घर के निर्माण का कार्य तेज गति के साथ हो रहा है, भगीरथ मांझी के दामाद मिथुन मांझी ने बताया कि राहुल गांधी की टीम की देख भाल में उनके मकान का निर्माण कराया जा रहा है।
राजेश राम की देखरेख में बन रहा मकान
बड़ी बता यह है कि मकान बनवाने की निगरानी खुद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम कर रहे हैं. दशरथ मांझी का परिवार गदगद है. दशरथ मांझी के परिजन का कहना है कि कई बड़े नेता और अभिनेता उनके घर आए, लेकिन जो काम राहुल गांधी ने किया वह अब तक किसी ने नहीं किया. बिना किसी घोषणा और दिखावे के राहुल गांधी ने ‘पर्वत पुरुष’ दशरथ मांझी के परिवार के लिए एक ऐसा कदम उठाया जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं थी.
मांझी परिवार की गरीबी को राहुल गांधी ने समझा
गया के गहलौर गांव में स्थित दशरथ मांझी के आवास पर भगीरथ मांझी और उनके परिवार के अन्य सदस्य से जब राहुल गांधी ने मुलाकात की थी , तब किसी को राहुल गांधी ने पक्के और नए मकान के निर्माण कराने की बात नहीं कही थी, लेकिन जब वो गया से दिल्ली वापिस हुए तब उस के 10 दिनों के अंदर राहुल गांधी की टीम ने दशरथ मांझी के घर पहुंच कर सर्वे किया, भगीरथ मांझी बताते हैं कि तब भी परिवार के लोगों को मालूम नहीं चला कि राहुल गांधी की टीम सर्वे कर रही है, भागीरथ ने कहा कि उन से पूछा गया कि उन्हें कितने कमरे की और घर में किन-किन सामानों की जरूरत है, भगीरथ मांझी कहते हैं कि हम ने जो भी टिम को जरूरत के अनुसार बताया उसी के अनुसार अब हमारे घर का निर्माण हो रहा है, टीम ने जब सर्व कर लिया तब टीम ने राहुल गांधी से बात की और उन्हें जानकारी दी , जिसके के बाद हमें बताया गया कि उनके घर का निर्माण राहुल गांधी कराना चाहते हैं, उन्हों ने मुझ से अनुमति मांगी और फिर उनके घर के निर्माण का कार्य शुरू हुआ, उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने उन के निर्माण के संबंध बात भी की एक कट्ठा में 4 कमरे का हो रहा है निर्माण भगीरथ मांझी के परिवार के लिए एक कट्ठा जमीन पर घर का निर्माण हो रहा है, जिस में 4 कमरे हैं , इसके अतिरिक्त मकान में ही एक किचन और एक बड़े बाथरूम का भी निर्माण हो रहा है, हालांकि चार कमरों में पहले से दो कमरे का आधा निर्माण था , जिसकी दीवार को मरम्मत कर फिर उसे मिला कर अब पूरा निर्माण किया जा रहा है
सासाराम के हैं कारीगर
भागीरथ मांझी ने बताया कि उनके घर का निर्माण सासाराम के एक ठेकेदार से राहुल गांधी करवा रहे हैं, घर के निर्माण के कार्य में लगे कारीगर और मजदूर सासाराम और डेहरी के हैं , घर के निर्माण का कार्य छत की ढलाई तक पहुंच चुका है , छत की ढलाई के बाद घर के आगे बाउंड्री भी दी जाएगी, घर में टाइल्स मार्बल और बेड भी लगाए जाएंगे , राहुल गांधी हमारे घर का ऐसा निर्माण करा रहे हैं कि हम ने कभी इस तरह के मकान के निर्माण के लिए सोचा भी नहीं था, क्योंकि हम गरीब हैं , ऐसे घर का हम निर्माण कैसे कर पाते ? , राहुल गांधी ने हमारी गरीबी को देखा और खुद उन्होंने निर्णय किया कि हमारे घर का निर्माण कराएंगे, आज तक कई नेता हमारे घर आए लेकिन किसी ने हमारे घर के निर्माण के लिए नहीं सोचा, राहुल गांधी ही पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने बिना कहे हमारे घर का निर्माण कराया है, हमने तो कई बार अपने घर के निर्माण की गुहार स्थानीय अधिकारियों से की थी लेकिन वह पूरी नहीं हुई कारीगर सासाराम के रहने वाले हैं, उनके ठेकेदार को कांग्रेस के नेता ने ठिका दिया था, उनके साथ यहां और कारीगर और मजदूर काम कर रहे हैं वो दशरथ मांझी के परिवार का घर बना रहे हैं, वो बाबा दशरथ मांझी को उतना नहीं जानते थे ,वाकई उनका परिवार गरीब है, सुना है राहुल गांधी जी काम करवा रहे हैं, वो गरीबों का भला करते हैं, हम ने अपने ठेकेदार से कहा है कि जब राहुल गांधी गृह प्रवेश में आए तो हम लोगों को भी मिलवा दें , उन्हों ने बताया कि मकान का नक्शा बना कर हम लोगों दिया गया था उसी के अनुसार मकान बनाया जा रहा है भगीरथ मांझी ने कहा कि जब राहुल गांधी उनके घर आए थे ,तब काफी भीड़ थी, हमने उनके खाने पीने की व्यवस्था की थी, सत्तू और डाव भी रखा था , राहुल गांधी ने तब गर्मी की वजह से डाव पिए थे, लेकिन राहुल गांधी ने कहा है कि अब जब वह उनके घर गृह प्रवेश में आएंगे तो सत्तू जरूर पिएंगे।
भागीरथ मांझी कहा कि नीतीश कुमार ने उनके पिता दशरथ मांझी के लिए कुछ काम किए हैं, लेकिन हमारे लिए ‘ दशरथ मांझी ‘ के परिवार के लिए कुछ नहीं किया , हमारी गरीबी को राहुल गांधी ने समझा है , वह एक बड़े दूरदर्शी नेता हैं, बिना मांगे ही हमारी मजबूरी को समझ गए, इस बात को लेकर भी उम्मीद में है कि राहुल गांधी उनके लिए चुनाव लड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, जब बिना मांगे घर दिए हैं तो फिर वो टिकट भी देंगे परिवार को थी अच्छे मकान की जरूरत भगीरथ मांझी के दामाद मिथुन मांझी ने कहते हैं कि मैंने सोचा नहीं था कि राहुल गांधी हमारे परिवार से मिलने के बाद ऐसा कुछ करेंगे, परिवार को एक अच्छे मकान की जरूरत थी, राहुल गांधी ने उसको पूरा किया है, वो घर से कुछ कह कर नहीं गए थे, लेकिन आज वो घर का निर्माण करा रहे हैं, अगले एक डेढ़ महीने के अंदर मकान बनकर तैयार हो जाएगा दशरथ मांझी को एक बेटा और बेटी थी दशरथ मांझी ने 30 वर्षों तक कड़ी मेहनत संघर्ष से अकेले पहाड़ काट कर रास्ता बनाया था, वो सुर्खियों में तब अधिक आ गए थे जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2005 में उन्हें अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा कर सम्मानित किया था, दशरथ मांझी को एक बेटा भागीरथ मांझी और बेटी लौंगी देवी है , बेटी का देहांत हो चुका है, दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी को सिर्फ एक बेटी अंशु कुमारी है, जबकि लौंगी देवी को तीन बेटा और एक बेटी है, दशरथ मांझी के बेटा भगीरथ और बेटी लौंगी देवी का परिवार एक ही जगह पर रहता है, जबकि भगीरथ मांझी की बेटी अंशु और दामाद मिथुन मांझी को तीन बेटियां और दो बेटे हैं, भगीरथ मांझी की उम्र 60 साल है और वो अपने घर में बेटी दामाद के साथ रहते हैं, पहले इनका दो रुम का मिट्टी का घर था, लेकिन साल 2020 में परिवार को सरकार की ओर से कालोनी भी मिली थी, लेकिन परिवार बड़ा होने की वजह से वो भी छोटा पड़ रहा था।
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