app-store-logo
play-store-logo
September 29, 2025

बंदूक और बाहुबल की सियासत: मोकामा की अनंत कथा

The CSR Journal Magazine
पटना जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में से मोकामा की चुनावी राजनीति सबसे खास है। इसे ‘ताल क्षेत्र’ और ‘दल का कटोरा’ भी कहा जाता है, जहाँ एक समय बंदूकों की गूंज और बाहुबलियों का राज हुआ करता था। समय के साथ सिस्टम बदला और मोकामा विकास की राह पर चल पड़ा। पिछले छह चुनावों से ‘छोटे सरकार’ यानी अनंत सिंह मोकामा की सियासत पर छाए रहे हैं। वह खुद विधायक बने, फिर अपनी पत्नी को भी विधानसभा पहुंचाया। एके-47 और हैंड ग्रेनेड रखने के आरोप में जेल जाने के बावजूद उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया, और अब वह फिर से चुनावी मैदान में उतरने का संकेत दे रहे हैं।

कांग्रेस का दबदबा और फिर हुआ अंत

मोकामा सीट पर सबसे ज्यादा बार प्रतिनिधित्व करने में कांग्रेस सबसे आगे रही है। पार्टी ने 1952, 57, 69, 72, 77, 80 और 85 में यहाँ जीत दर्ज की। जगदीश नारायण सिंह पहले विधायक थे, और पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा शाही भी दो बार यहाँ से लगातार विधायक रहीं। 1980 और 85 में श्याम सुंदर सिंह धीरज ने कांग्रेस को जीत दिलाई थी। लेकिन 1990 में बिहार में सत्ता का मिजाज बदलने के बाद कांग्रेस को यह सीट फिर कभी नहीं मिली। इसी साल अनंत के बड़े भाई दिलीप सिंह ने जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता और लगातार दो बार विधायक बने रहे।

बाहुबलियों की लड़ाई: सूरजभान बनाम दिलीप सिंह

साल 2000 के चुनाव में सूरजभान सिंह ने जेल में रहते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दिलीप सिंह को हरा दिया और सांसद बने। 2005 के चुनाव में अनंत सिंह ने मोकामा सीट पर फिर से कब्जा जमाया और तब से यह सीट उनके परिवार के आसपास ही रही है। बाहुबल की बदौलत अनंत सिंह जदयू, निर्दलीय और राजद के टिकट पर जीत हासिल कर चुके हैं। 2022 में आर्म्स एक्ट के एक मामले में सजा के बाद उनकी विधायकी चली गई। इसके बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने राजद के उम्मीदवार के तौर पर पति की सीट बचाई।

इस बार किसकी होगी टक्कर?

खबरों के मुताबिक, अनंत सिंह एक बार फिर जदयू के टिकट पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और बिहार के मंत्री अशोक चौधरी के साथ उनकी बढ़ती नजदीकियां भी देखी जा रही हैं। एनडीए की तरफ से उनकी उम्मीदवारी तय मानी जा रही है, लेकिन उनके सामने कौन होगा, इसे लेकर अटकलें तेज हैं। माना जा रहा है कि लोजपा (पारस गुट) से सूरजभान सिंह के परिवार का कोई सदस्य मैदान में उतर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो मोकामा में एक और दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी।

 

Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!

App Store –  https://apps.apple.com/in/app/newspin/id6746449540 

Google Play Store – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.inventifweb.newspin&pcampaignid=web_share

Latest News

Popular Videos