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December 19, 2025

Epstein Files Release Deadline नजदीक US Justice Department पर बढ़ता Political Pressure

The CSR Journal Magazine
अमेरिका में कुख्यात यौन तस्कर जेफ्री एप्स्टीन से जुड़े दस्तावेजों को लेकर बड़ा राजनीतिक और कानूनी विवाद खड़ा हो गया है। अगले 48 घंटों के भीतर अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) को अपने पास मौजूद एप्स्टीन फाइल्स का अधिकांश हिस्सा सार्वजनिक करना होगा। कांग्रेस द्वारा पारित Epstein Files Transparency Act के तहत इन दस्तावेजों को 19 दिसंबर तक जारी करना अनिवार्य है।
इस कानून के अनुसार केवल उन्हीं दस्तावेजों को रोका जा सकता है, जिनसे चल रही जांच प्रभावित हो, राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति को नुकसान पहुंचे, या पीड़ितों की पहचान उजागर होती हो। तय समयसीमा में फाइलें जारी न होने की स्थिति में अमेरिकी राजनीति में बड़ा तूफान खड़ा हो सकता है।

न्याय विभाग की चुप्पी पर सवाल

कानून पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद से ही न्याय विभाग की ओर से अब तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। इस महीने की शुरुआत में द्विदलीय सांसदों के एक समूह ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी से प्रगति पर ब्रीफिंग मांगी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद दो डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने चेतावनी दी कि यदि कानून की अनदेखी हुई तो वे प्रशासन के कुछ नागरिक नामांकनों को रोकेंगे।

क्या सामने आ सकते हैं बड़े नाम?

यदि फाइलें जारी होती हैं, तो इनमें सैकड़ों हजार पन्नों के दस्तावेज शामिल हो सकते हैं। इनमें एप्स्टीन से जुड़े मामलों, पीड़ितों के नए दावे और उसके हाई-प्रोफाइल सहयोगियों के नाम सामने आने की आशंका है। इन दस्तावेजों से यह भी खुलासा हो सकता है कि किस तरह एप्स्टीन दशकों तक कानून से बचता रहा। बताया जाता है कि उसके संबंध कई प्रभावशाली लोगों से थे, जिनमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन के पूर्व शाही सदस्य प्रिंस एंड्रयू का नाम भी सामने आता रहा है।

साजिश सिद्धांत और राजनीतिक वादे

ट्रंप के कई समर्थक मानते हैं कि एप्स्टीन को बचाने के पीछे प्रभावशाली लोगों का एक गुप्त नेटवर्क था। 2024 के चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने एप्स्टीन फाइल्स सार्वजनिक करने का वादा किया था और अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में भी इस पर जोर दिया था। हालांकि, जुलाई में न्याय विभाग ने एक मेमो जारी कर कहा था कि कोई “एप्स्टीन क्लाइंट लिस्ट” मौजूद नहीं है और आगे किसी खुलासे की जरूरत नहीं है। इस बीच, वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया कि न्याय विभाग के पास मौजूद कुछ एप्स्टीन दस्तावेजों में ट्रंप का नाम कई बार आया है। इसके बावजूद अब तक कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ है।

कांग्रेस का सख्त रुख

न्याय विभाग की निष्क्रियता से नाराज होकर कांग्रेस ने नवंबर के अंत में नया कानून पारित किया, जिसके तहत 30 दिनों के भीतर लगभग सभी एप्स्टीन फाइल्स जारी करना अनिवार्य कर दिया गया। ट्रंप ने 19 नवंबर को इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया।

एप्स्टीन मामला: अब तक का सफर

जेफ्री एप्स्टीन को 2008 में फ्लोरिडा में बेहद नरम सजा मिली थी, जिससे वह संघीय मुकदमे से बच गया। 2019 में उसे दोबारा संघीय यौन तस्करी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया, लेकिन मुकदमे से पहले ही जेल में उसकी मौत हो गई, जिसे आत्महत्या बताया गया। उसकी सहयोगी गिस्लेन मैक्सवेल को 2021 में दोषी ठहराया गया।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या तय समयसीमा के भीतर एप्स्टीन फाइल्स सार्वजनिक होंगी, या फिर अमेरिकी न्याय विभाग की देरी एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म देगी।

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