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June 6, 2025

टोंक में गरजी सियासत, खाद-बीज घोटाले और गुर्जर मुद्दे पर बोले सचिन पायलट

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। Congress के वरिष्ठ नेता और Tonk से विधायक सचिन पायलट ने राज्य सरकार और सत्ताधारी नेताओं पर तीखा हमला बोला है। टोंक में विधायक कोटे से बने सभा भवन के लोकार्पण समारोह में पहुंचे पायलट ने राज्य मंत्री Kirori Lal Meena द्वारा चलाए जा रहे Raid Campaign को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
पायलट ने कहा कि राज्य में मंत्री खुद छापेमारी कर रहे हैं और जिन पर कार्रवाई हो रही है, वे कहीं न कहीं सरकार के ही करीबी लोग हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “मंत्री अपने ही लोगों को बेनकाब कर रहे हैं। ये छापे असल में किसके खिलाफ हैं? क्या ये वाकई कालाबाजारियों पर हो रहे हैं या फिर सत्ता के भीतर चल रहे संघर्ष का हिस्सा हैं?”
Fertilizer-Seed Scam का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा कि इतनी बड़ी साजिशें बिना Political Protection के संभव नहीं हो सकतीं। “यदि सरकार वाकई ईमानदार और सख्त है तो Mastermind को जेल भेजे, केवल छोटे कारोबारियों या कर्मचारियों को पकड़ने से कुछ नहीं होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब खुद मंत्री छापे मार रहे हों और सत्ता के ऊंचे स्तर के लोग असहज हो रहे हों, तो साफ है कि मामला सिर्फ Adulteration या Black Marketing का नहीं, बल्कि सत्ता के अंदरूनी संघर्ष का है। पायलट ने सरकार से पूछा, “आखिर इतने बड़े घोटाले किसके आशीर्वाद से चल रहे हैं? यह जाँच सिर्फ दिखावा न बने, असली गुनहगारों को भी सामने लाया जाए।”

गुर्जर महापंचायत पर भी रखी अपनी बात

पायलट ने टोंक के पीलूपुरा में प्रस्तावित Gurjar Mahapanchayat को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर Gazette Notification और Constitutional Rights का पालन नहीं होगा, तो समाज को आंदोलन करने का अधिकार है।
“केंद्र सरकार को चेतावनी देता हूँ, सामाजिक न्याय सिर्फ कागजों में न रहे। अगर समुदायों की मांगों की अनदेखी की गई, तो यह सिर्फ असंतोष नहीं, बड़ा आंदोलन भी बन सकता है,” पायलट ने कहा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह Social Justice और समावेशी राजनीति के पक्षधर हैं और जातीय अधिकारों को लेकर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा।
इस बयानबाज़ी से साफ है कि पायलट एक बार फिर प्रदेश की सियासत में अहम भूमिका निभाने को तैयार हैं। उनके बयानों ने न सिर्फ सरकार को कटघरे में खड़ा किया, बल्कि सत्ता के भीतर चल रही हलचल को भी उजागर कर दिया।

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