Bihar सरकार ने गरीब और वंचित परिवारों को बड़ी राहत देते हुए एक अहम फैसला लिया है। अब यदि किसी परिवार का किसी भूमि पर 50 years से कब्जा है और उस पर कोई विवाद नहीं है, तो बिना कागजात के भी उनका नाम Land Survey Register में दर्ज किया जाएगा। यह कदम राज्य में land management और पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जमीन विवादों से मिलेगी राहत
Bihar में अक्सर land dispute के मामले सामने आते रहते हैं। कई परिवारों के पास पुश्तैनी जमीन या खरीदी-बिक्री से मिली भूमि होती है, लेकिन समय के साथ उनके legal documents खो जाते हैं। कई बार पुराने khatiyan (land record) गायब हो जाते हैं या उपलब्ध नहीं होते। ऐसे मामलों में लोग अपनी ही जमीन का कानूनी हक साबित करने में असमर्थ हो जाते हैं। अब सरकार ने घोषणा की है कि 50 साल से विवाद रहित कब्जा भूमि स्वामित्व के लिए पर्याप्त माना जाएगा।
सर्वे के दौरान होगा पंजीकरण
वर्तमान में Bihar के कई जिलों में land survey और नापी का काम चल रहा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सर्वे के दौरान यदि कोई परिवार यह साबित कर देता है कि वह 50 वर्षों से उस भूमि पर रह रहा है और वहां कोई विवाद नहीं है, तो उसका नाम सीधे survey register में दर्ज कर लिया जाएगा। इसका फायदा विशेष रूप से उन परिवारों को होगा जिनके पास कागजात नहीं हैं लेकिन लगातार पीढ़ियों से एक ही घर या खेत पर कब्जा है।
गरीब और वंचित परिवारों को राहत
इस फैसले का सबसे बड़ा लाभ गरीब और वंचित तबकों को मिलेगा। अब उन्हें ownership rights साबित करने के लिए केवल कागजी औपचारिकताओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सरकार ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर लोगों को आवश्यक supporting documents उपलब्ध कराने में भी विभाग मदद करेगा। इससे हजारों परिवारों को कानूनी सुरक्षा और मानसिक शांति मिलेगी।
क्यों अहम है सरकार का कदम?
Bihar में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास जमीन पर हक का सबूत सिर्फ oral testimony या गांव-समाज की पहचान होती है। अदालतों में ऐसे प्रमाण अक्सर कमजोर पड़ जाते हैं और लोग जमीन खोने के कगार पर पहुंच जाते हैं। इस फैसले के बाद राज्य में land transparency और legal security बढ़ेगी। अब जिनके पास official documents नहीं भी हैं, वे भी अपनी जमीन पर मालिकाना हक पा सकेंगे।
Bihar सरकार का यह फैसला लाखों लोगों के लिए राहत की खबर है। यह न केवल भूमि विवादों को कम करेगा बल्कि land survey system को भी मजबूत करेगा। अब जिन परिवारों ने 50 साल से किसी भूमि पर कब्जा किया है और वहां कोई विवाद नहीं है, वे निश्चिंत होकर अपनी जमीन के असली मालिक बन सकेंगे।