मध्य प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। विधानसभा में पेश सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में 23,000 से अधिक महिलाएं और नाबालिग लड़कियां लापता हैं, जबकि बलात्कार और यौन अपराधों से जुड़े 1500 से ज्यादा आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
विधानसभा में उजागर हुए भयावह आंकड़े
कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि 30 जून 2025 तक प्रदेश में 21,175 महिलाएं और 1,954 नाबालिग बच्चियां एक साल से अधिक समय से लापता हैं। इस तरह कुल 23,129 महिलाएं और लड़कियां अब भी गायब हैं, जिनका कोई सुराग नहीं लग पाया है।

बलात्कार के 575 आरोपी खुलेआम घूम रहे
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक महिलाओं से बलात्कार के 292 और नाबालिगों से दुष्कर्म के 283 आरोपी फरार हैं। यानी कुल 575 बलात्कार आरोपी आज भी कानून से बचते फिर रहे हैं, जो राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

यौन अपराधों में 1500 से ज्यादा आरोपी फरार
बलात्कार के अलावा अन्य यौन अपराधों में भी हालात चिंताजनक हैं। महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों में 443 और बच्चियों के मामलों में 167 आरोपी फरार हैं। इसके अलावा महिलाओं-बच्चियों के लापता मामलों से जुड़े 320 आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। कुल मिलाकर 1500 से ज्यादा आरोपी अब भी फरार हैं।

ये जिले बने लापता मामलों के हॉटस्पॉट
प्रदेश के कई जिले महिलाओं के लापता मामलों में सबसे आगे हैं। सागर में 1,069, जबलपुर में 946, इंदौर में 788, भोपाल ग्रामीण में 688, छतरपुर में 669, रीवा में 653, धार में 637 और ग्वालियर में 617 महिलाएं लापता दर्ज की गई हैं। इन आंकड़ों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मामला न केवल राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जरूरत को भी उजागर करता है।


