नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के रिश्तों की तरह अब उनके घरों की नजदीकी भी इतिहास बन गई है। पटना के वीआईपी इलाके में एक सड़क के आर-पार शुरू हुई यह कहानी अब करीब 200 मीटर की दूरी पर पहुंच गई है।
करीब दो दशक तक मुख्यमंत्री आवास के ठीक सामने स्थित 10 सर्कुलर रोड का लालू-राबड़ी आवास बिहार की राजनीति का सबसे सक्रिय पता माना जाता रहा। लेकिन नई एनडीए सरकार के फैसले के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को नया सरकारी आवास 39 हार्डिंग रोड आवंटित कर दिया गया है। इससे दोनों नेताओं के घरों के बीच भौतिक दूरी भी बढ़ गई है।
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2005 से चला आ रहा ‘पावर एड्रेस’ अब बदल रहा है
2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद राबड़ी देवी को पूर्व सीएम के तौर पर 10 सर्कुलर रोड का बंगला मिला था। तब से लालू परिवार की पूरी राजनीतिक रणनीति इसी पते से संचालित होती रही। यह आवास लंबे समय तक आरजेडी का अनौपचारिक पावर सेंटर भी माना जाता रहा। अब हाईकोर्ट के पुराने फैसलों और नई सरकार की पुनर्व्यवस्था के बाद इस बंगले को छोड़ना लगभग तय माना जा रहा है, जिससे राजनीतिक प्रतीकवाद भी बदल रहा है।

रोहिणी का तंज—’घर से निकाल देंगे, जनता के दिल से कैसे निकालेंगे?
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने इस फैसले को अपने पिता का अपमान बताते हुए सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा—‘घर से निकाल देंगे, जनता के दिल से कैसे निकालेंगे।’ रोहिणी का नाम इससे पहले भी इसी आवास से जुड़े एक पारिवारिक विवाद में तेजस्वी यादव की कथित नाराज़गी को लेकर सुर्खियों में रह चुका है। ऐसे में बंगला बदले जाने को वह भावनात्मक और राजनीतिक, दोनों मोर्चों पर हमले के रूप में देख रही हैं।


