नया साल मनाने के लिए अगर आप भीड़भाड़ से दूर, शांति, शाही ठाठ और सर्दियों की सुहावनी धूप का संगम चाहते हैं, तो राजस्थान का जोधपुर एक बेहतरीन विकल्प है। ‘सूर्यनगरी’ के नाम से मशहूर जोधपुर सर्दियों में पर्यटकों को अपने इतिहास, संस्कृति, किले, रेगिस्तान और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ खास अनुभव देता है। दिसंबर–जनवरी के दौरान यहां का मौसम न ज्यादा ठंडा होता है और न ही गर्म, जिससे घूमना बेहद आरामदायक हो जाता है।

सर्दियों में जोधपुर का मौसम घूमने के लिए परफेक्ट समय
नए साल के दौरान जोधपुर का तापमान करीब 10 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। सुबह और शाम हल्की ठंड, दिन में धूप—यही वजह है कि यह मौसम दर्शनीय स्थलों की सैर, फोटोग्राफी और रेगिस्तानी अनुभव के लिए आदर्श माना जाता है। ठंडी हवाओं के बीच नीले रंग के घरों वाला शहर एक अलग ही खूबसूरती बिखेरता है।

नए साल का जश्न शाही अंदाज़ और सांस्कृतिक रंग
जोधपुर में न्यू ईयर सेलिब्रेशन पारंपरिक और शाही अंदाज़ में मनाया जाता है। कई हेरिटेज होटल, रिसॉर्ट्स और रूफटॉप कैफे लाइव लोक संगीत, घूमर-कालबेलिया नृत्य, राजस्थानी डिनर और फायरवर्क्स के साथ नए साल का स्वागत करते हैं। यहां का जश्न शोरगुल से ज्यादा सुकून और संस्कृति से जुड़ा होता है, जो इसे खास बनाता है।

इतिहास की झलक राव जोधा से सूर्यनगरी तक
जोधपुर शहर की स्थापना 1459 में राव जोधा ने की थी। मारवाड़ की राजधानी रहा यह शहर राजपूत शौर्य, स्थापत्य कला और समृद्ध इतिहास का प्रतीक है। मेहरानगढ़ किला, जसवंत थड़ा और उम्मेद भवन जैसी ऐतिहासिक धरोहरें आज भी जोधपुर के गौरवशाली अतीत की कहानी बयां करती हैं। शहर के अधिकांश घर नीले रंग में रंगे होने के कारण इसे ‘ब्लू सिटी’ भी कहा जाता है।

जोधपुर के बेहतरीन पर्यटन स्थल
मेहरानगढ़ किला-
400 फीट ऊंची चट्टान पर बना यह किला जोधपुर की पहचान है। नए साल की सुबह यहां से शहर का नज़ारा बेहद मनमोहक होता है।
उम्मेद भवन पैलेस-
दुनिया के सबसे बड़े निजी निवासों में से एक, यह महल आज भी शाही जीवनशैली का अनुभव कराता है।
जसवंत थड़ा-
सफेद संगमरमर से बनी यह स्मारक शांति और सुंदरता का प्रतीक है।
मंडोर गार्डन-
प्राचीन इतिहास और हरियाली से घिरा यह स्थान सुकून भरी सैर के लिए आदर्श है।
घंटाघर और सरदार मार्केट-
नए साल की खरीदारी और स्थानीय स्वाद का असली मज़ा यहीं मिलता है।

खाने, खरीदारी और अनुभव का संगम
जोधपुर आएं और मिर्ची बड़ा, मावा कचौरी, घेवर और दाल-बाटी चूरमा न चखें ऐसा हो ही नहीं सकता। नए साल पर बाजारों में रौनक रहती है और हस्तशिल्प, बंधेज, जूतियां व एंटीक आइटम्स पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। साथ ही, नजदीकी रेगिस्तान में कैमेल सफारी और सनसेट व्यू न्यू ईयर ट्रिप को यादगार बना देता है।
नया साल अगर आप इतिहास, संस्कृति, सुकून और शाही अंदाज़ में मनाना चाहते हैं, तो जोधपुर आपकी सूची में जरूर होना चाहिए। सर्दियों की नरम धूप, ऐतिहासिक विरासत और मेहमाननवाज़ी के साथ जोधपुर न सिर्फ नया साल मनाने की जगह है, बल्कि एक यादगार अनुभव भी है।


