भारत में व्रत या उपवास का चलन सदियों पुराना है। किसी भी उपवास में हम अक्सर सिर्फ सेंधा नमक ही खाते हैं क्योंकि धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं में इसे न केवल आध्यात्मिक शुद्धि का तरीका माना गया है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद बताया गया है।भारतीय परंपरा में सेंधा नमक को सबसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है। यह हिमालयी क्षेत्रों में चट्टानों से निकाला जाता है और इसे किसी भी प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया से नहीं गुजारा जाता। इसी कारण इसे “पाषाण नमक” या “रॉक साल्ट” भी कहते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सामान्य नमक समुद्री जल को सुखाकर या वाष्पीकृत करके बनाया जाता है, जिसमें कई प्रकार की अशुद्धियां या रासायनिक तत्व हो सकते हैं। वहीं, सेंधा नमक अपनी प्राकृतिक अवस्था में पाया जाता है, जो इसे व्रत जैसे शुद्ध अनुष्ठानों के लिए आदर्श बनाता है।
धार्मिक कारण
भारतीय संस्कृति में उपवास का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि होता है। व्रत के दौरान सेंधा नमक का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप में शुद्ध होता है।सेंधा नमक का रंग हल्का गुलाबी या भूरा होता है, जबकि साधारण सफेद नमक में अक्सर एंटी-कैकिंग एजेंट (ऐसा पदार्थ जो पाउडर जैसे नमक, चीनी या मसाले को गुठलियों में जमने से रोकता है) और आयोडीन मिलाया जाता है, जो व्रत के लिए आदर्श नहीं माना जाता।
मान्यता के अनुसार, व्रत के दौरान शरीर को हल्का, स्वच्छ और पवित्र रखना चाहिए। उपवास में साधारण नमक न खाने का कारण यह भी है कि व्रत में हम अपने शरीर को अनावश्यक भौतिक चीजों से दूर रखते हैं और केवल सात्विक, प्राकृतिक और हल्के भोजन का सेवन करते हैं।
वैज्ञानिक कारण
सेंधा नमक का केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभ है।सेंधा नमक प्राकृतिक रूप से हिमालयी खानों से प्राप्त होता है और इसमें प्राकृतिक खनिज जैसे पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम पाए जाते हैं।साधारण सफेद नमक रासायनिक रूप से प्रोसेस्ड होता है, जिससे इसमें खनिज घट जाते हैं।व्रत में खाने की मात्रा कम होती है।और शरीर हल्का भोजन चाहता है।
पाचन तंत्र को सहारा देता है, पाचन क्रिया को सुचारू रखता है और व्रत के दौरान ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।व्रत के दौरान पानी का सेवन सीमित होता है। सेंधा नमक सोडियम और मिनरल्स प्रदान करता है, जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।आयुर्वेद के अनुसार, सेंधा नमक कफ और वात को संतुलित करता है और शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में सहायक होता है।
सेंधा नमक के चमत्कारी फायदे
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पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और गैस-कब्ज से राहत देता है।
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हाई ब्लड प्रेशर में सामान्य नमक की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है।
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इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखता है और थकान कम करता है।
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शरीर को डिटॉक्स करता है और टॉक्सिन्स बाहर निकालता है।
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त्वचा और बालों की देखभाल में प्राकृतिक रूप से उपयोगी है।
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मेटाबॉलिज्म सुधारकर वजन घटाने में मदद करता है।
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केमिकल रहित, शुद्ध और पूरी तरह प्राकृतिक होता है।
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धार्मिक दृष्टि से व्रत में सेवन के लिए उपयुक्त माना जाता है।