app-store-logo
play-store-logo
September 12, 2025

मुक्तिनाथधाम: नेपाल का एक ऐसा पवित्र स्थल जहां मिलता है पितृ पूजा और मोक्ष का वरदान!

The CSR Journal Magazine
हिमालय की गोद में, नेपाल के कर्णाली प्रदेश में स्थित मुक्तिनाथधाम एक अत्यंत पवित्र और प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह धाम न केवल भारत और नेपाल के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि हिन्दू और बौद्ध धर्म दोनों में समान रूप से महत्व रखता है। मुक्तिनाथधाम नेपाल की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है, जहां हर साल हजारों तीर्थयात्री अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए आते हैं। यह केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि प्रकृति की भव्यता, पर्वतों की विशालता, आस्था और आध्यात्मिक शांति का संगम है।

इतिहास और पौराणिक महत्व

मुक्तिनाथधाम का इतिहास अत्यंत प्राचीन और पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। महाभारत और विभिन्न पुराणों में इसका उल्लेख मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि यह स्थल भगवान विष्णु के आठवें अवतार, वामन अवतार से जुड़ा है। मान्यता है कि वामन ने यहां ही दैत्य राजा बलि को तीन पग जमीन दान में लेकर मोक्ष प्रदान किया था। हिन्दू धर्म में मुक्तिनाथ को वैकुण्ठ धाम के समान माना जाता है, जहां आत्मा को मोक्ष मिलता है। वहीं बौद्ध धर्म में इसे ‘ख्पचेन गोंपा’ के नाम से जाना जाता है, और इसे बोधिसत्व मुक्तिनाथ का निवास स्थान माना जाता है, जो आत्मा की मुक्ति और ज्ञान का प्रतीक है। इस धार्मिक स्थल को दो धर्मों का संगम स्थल भी कहा जाता है, जो नेपाल की धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।

क्या है 108 पवित्र नलों का रहस्य?

मुक्तिनाथधाम में पितृ पूजा और पिंड दान का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय और नेपाली संस्कृति दोनों में यह अनुष्ठान पूर्वजों की आत्मा को शांति देने और परिवार में सुख-शांति बनाए रखने का माध्यम माना जाता है। यहाँ विशेष रूप से 108 नल हैं, जिनमें से प्राकृतिक जल बहता है, जो हिमालय की झरनों से जुड़ा हुआ है। श्रद्धालु इन नलों में स्नान करते हैं और पिंड दान करते हैं, यह विश्वास करते हुए कि इससे पापों से मुक्ति मिलती है और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति संभव होती है।
मुक्तिनाथधाम का एक और रहस्य यहां के पास जलती रहने वाली प्राकृतिक गैस की अग्नि है, जिसे अग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है। यह अग्नि सदियों से बिना बुझे जल रही है और यहां की आध्यात्मिकता को और भी गहरा बनाती है। इस जलती हुई अग्नि को देखकर श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभूति होती है, जो उन्हें आत्मिक शांति का अहसास कराती है।

प्राकृतिक सौंदर्य और वातावरण

मुक्तिनाथधाम का प्राकृतिक सौंदर्य हिमालय की उंचाईयों और बर्फ से ढकी चोटियों के बीच मनमोहक है। यहां का शांत और स्वच्छ वातावरण, ठंडी हवा, साफ़ नीला आकाश और घाटियों की विशालता हर आगंतुक को मंत्रमुग्ध कर देती है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और साहसिक यात्रियों के लिए भी स्वर्ग समान है। यात्रियों का मानना है कि मुक्तिनाथधाम आकर उन्हें आस्था, प्रकृति और आध्यात्मिकता का एक अनोखा और दिव्य संगम देखने को मिलता है।

मुक्तिनाथ मंदिर कहां स्थित है?

मुक्तिनाथ मंदिर नेपाल के कर्णाली प्रदेश में स्थित है। इस धार्मिक स्थल तक पहुंचने के लिए काठमांडू या पोखरा से यात्रा शुरू की जा सकती है। पोखरा से हवाई मार्ग द्वारा जोमसोम पहुंचना सबसे सुविधाजनक है, जो मुक्तिनाथ के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। इसके अलावा जीप या पैदल मार्ग से भी मुक्तिनाथ पहुंचना संभव है।
मुक्तिनाथधाम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि विश्वास, इतिहास, प्रकृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। यहां के पिंड दान, पितृ पूजा, 108 जल नलों की पवित्रता और प्राकृतिक अग्नि के रहस्य इसे विश्व के सबसे अनोखे तीर्थ स्थलों में से एक बनाते हैं। हिन्दू और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए यह स्थान मुक्ति और मोक्ष का प्रतीक है, जो नेपाल की धार्मिक विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि का अभिन्न हिस्सा है।

Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!

App Store –  https://apps.apple.com/in/app/newspin/id6746449540 

Google Play Store – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.inventifweb.newspin&pcampaignid=web_share

Latest News

Popular Videos