बिहार को मिली 4,447 करोड़ की सौगात!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बिहार को दो बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी मिली है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है 4447 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला मोकामा-मुंगेर 4 लेन ग्रीनफील्ड सड़क प्रोजेक्ट। यह सड़क 82.40 किमी लंबी होगी और बक्सर-भागलपुर सड़क परियोजना का एक अहम हिस्सा है। इस परियोजना के लिए हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) अपनाया जाएगा, जिसमें चयनित एजेंसी 60% और सरकार 40% खर्च करेगी। यह प्रोजेक्ट ढाई साल में पूरा होने का लक्ष्य है और सड़क बनने के बाद गाड़ियों की रफ्तार 80 किमी प्रति घंटा होगी, जिससे सफर में कम से कम डेढ़ घंटे की बचत होगी।
सड़क के बाद रेल का सफर भी होगा आसान!
कैबिनेट ने केवल सड़क ही नहीं, बल्कि रेल परियोजनाओं को भी हरी झंडी दी है। रेल मंत्रालय ने पूर्व मध्य रेल में 10.51 करोड़ रुपये की लागत से फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दी है। इसमें फतुहा-बिदुपुर के बीच गंगा पर एक नए रेल पुल और 10 किमी लंबी नई रेल लाइन का सर्वे शामिल है। इसके अलावा पाटलिपुत्र-फुलवारीशरीफ और पाटलिपुत्र-दानापुर दोहरीकरण का सर्वे भी होगा। ये सभी सर्वे रेलवे नेटवर्क को और मजबूत करेंगे, जिससे लोगों का सफर और भी सुगम हो जाएगा।
बिहार, झारखंड और बंगाल को जोड़ने वाली रेल लाइन
भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल लाइन के दोहरीकरण की है। 3169 करोड़ रुपये की लागत से यह 177 किमी लंबी रेल परियोजना बिहार के बांका और भागलपुर जिलों को सीधा लाभ पहुंचाएगी। इससे हावड़ा और जमालपुर के बीच का सफर आसान होगा, साथ ही कोयला, सीमेंट, खाद और पत्थर जैसी वस्तुओं की आवाजाही भी सुगम हो जाएगी।
विकास की राह पर बिहार: समय और पैसा दोनों बचेंगे!
इन सभी परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य बिहार के दूरदराज के इलाकों को राजधानी पटना से जोड़ना है, जिससे मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप लोग सिर्फ चार घंटे में पटना पहुंच सकें। सड़क और रेल दोनों का विकास राज्य की आर्थिक गतिविधियों को गति देगा और लोगों के जीवन को बेहतर बनाएगा।