बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद चुनाव आयोग ने अंतिम वोटर लिस्ट जारी कर दी है, जिसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जहाँ एक ओर 21.53 लाख से अधिक नए, योग्य वोटर जोड़े गए हैं, वहीं दूसरी ओर अयोग्यता के कारण लगभग 69.30 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
इस छंटनी के बावजूद, बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या अब 7 करोड़ 41 लाख 92 हज़ार 357 हो गई है। यह संख्या पिछली ड्राफ्ट लिस्ट से भी लगभग 18 लाख अधिक है। यह व्यापक शुद्धीकरण प्रक्रिया (SIR) मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
युवा शक्ति और महिला वोटर्स: अब फाइनल लिस्ट तय करेगी चुनाव का भविष्य!
नई लिस्ट में लिंगानुपात काफी संतुलित दिख रहा है। इसमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.49 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। 1725 ट्रांसजेंडर वोटर भी सूची में हैं।
युवाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया गया है: 18 से 19 साल के 14 लाख 1 हज़ार 150 युवा पहली बार अपने मत का प्रयोग करने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, 85 साल से अधिक उम्र के अनुभवी 4 लाख 3 हज़ार 985 मतदाता और 7 लाख 20 हज़ार 709 दिव्यांग मतदाता भी इस बार चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
अयोग्य वोटर्स को किया गया बाहर; जानें क्यों हटाए गए 69 लाख नाम
कुल हटाए गए 69.30 लाख नामों में एक बड़ा हिस्सा उन मतदाताओं का है जो अब मृत, दोहरी प्रविष्टि वाले, या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके थे। उदाहरण के लिए, SIR ड्राफ्ट में मृत मतदाताओं की संख्या 22.34 लाख थी, जबकि दोहरी प्रविष्टि वाले करीब 6.85 लाख और स्थानांतरित 36.44 लाख नाम हटाए गए हैं।
चुनाव की घड़ी नज़दीक: मुख्य चुनाव आयुक्त का बिहार दौरा जल्द
वोटर लिस्ट फाइनल होने के बाद अब सभी की निगाहें चुनाव की तारीखों पर टिकी हैं। आयोग की तैयारी पूरी है और इन नई लिस्ट के आधार पर ही चुनाव होंगे। तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार भी 4-5 अक्टूबर को बिहार दौरे पर आ रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 38 जिला निर्वाचन पदाधिकारियों से लेकर 77,895 बीएलओ तक, हज़ारों कर्मियों और वॉलेंटियर्स ने सक्रिय भागीदारी की।