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October 24, 2025

कोटा में फिर गूंजा सन्नाटा: MBBS Student ने की Suicide, सुसाइड नोट में लिखा “मैं Parents का सपना पूरा नहीं कर पाया”

The CSR Journal Magazine
राजस्थान के कोटा से एक बार फिर दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। शहर के Medical College में पढ़ने वाले MBBS के छात्र ने फांसी लगाकर Suicide कर ली। बताया जा रहा है कि छात्र सुनील बैरवा (28) पिछले तीन साल से कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहा था। बुधवार रात उसका शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला।
सूचना मिलते ही महावीर नगर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया। घटना ने एक बार फिर कोटा के छात्रों के मेंटल प्रेशर और सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Suicide Note में लिखा – “मैं Parents का सपना पूरा नहीं कर सका”

पुलिस को छात्र के कमरे से एक Suicide Note मिला है। इसमें उसने लिखा है कि वह अपने माता-पिता का सपना पूरा नहीं कर पा रहा है, इसलिए वह अपनी जिंदगी खत्म कर रहा है। नोट में उसने परिवार से माफी मांगी है और लिखा है कि “माफ करना मां-पापा, मैंने कोशिश की, लेकिन मैं सफल नहीं हो पाया।”
महावीर नगर सीआई रमेश कविया ने बताया कि सुनील बैरवा जयपुर जिले के बस्सी क्षेत्र का रहने वाला था। वह Kota Medical College में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। बुधवार को जब वह पूरे दिन हॉस्टल में नहीं दिखा, तो साथियों ने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, तो दरवाजा तोड़ा गया, जहां वह फंदे पर लटका मिला।

Kota में बढ़ रही Student Suicide की संख्या

कोटा में यह इस साल का आठवां Suicide Case बताया जा रहा है। कुछ महीनों पहले, एक नीट छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। 18 वर्षीय छात्र अंकुश मीना ने सुबह अपने कमरे में फांसी लगा ली थी। हालांकि, उस मामले में पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद कहा था कि मौत का कारण पढ़ाई का तनाव नहीं बल्कि निजी कारण थे।
हर साल हजारों छात्र कोटा में NEET और JEE Coaching के लिए आते हैं। लेकिन उनमें से कई मानसिक तनाव, प्रतियोगिता के दबाव और असफलता के डर से जूझते हैं। Education Experts और Mental Health Counselors बार-बार यह अपील कर चुके हैं कि छात्रों के लिए काउंसलिंग और इमोशनल सपोर्ट को और मजबूत किया जाए।

Kota की चुनौती: Education Hub या Pressure Zone?

एक तरफ कोटा देश का सबसे बड़ा Education Hub माना जाता है, वहीं दूसरी तरफ यह लगातार बढ़ते Suicide Cases के कारण चर्चा में बना रहता है। पिछले कुछ सालों में प्रशासन ने कई कदम उठाए — जैसे Weekly Off System, Psychological Counseling, और Stress Management Workshops, लेकिन आंकड़े अभी भी चिंता का विषय हैं।
समाजशास्त्रियों का मानना है कि अब वक्त आ गया है जब कोटा में सिर्फ Education Result नहीं बल्कि Mental Well-being को भी प्राथमिकता दी जाए।

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