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October 15, 2025

मां-बाप और 3 बच्चे,दिवाली से पहले पूरा परिवार हुआ राख, जैसलमेर बस की रुला देने वाली कहानी

The CSR Journal Magazine
जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस मंगलवार सुबह अचानक आग की चपेट में आ गई। बस में लगभग 35 यात्री सवार थे। शॉर्ट सर्किट के कारण लगी भीषण आग ने यात्रियों को घेर लिया। इस हादसे में कुल 20 लोगों की मौत हुई और लगभग 15 यात्री गंभीर रूप से झुलस गए।महेंद्र मेघवाल भारतीय सेना में तैनात थे। वे जैसलमेर के गोला बारूद डिपो में कार्यरत थे।

परिवार की खुशियां छिन गईं

जैसलमेर से जोधपुर जा रही एसी स्लीपर बस मंगलवार सुबह भीषण हादसे का शिकार हो गई। बस में कुल लगभग 35 यात्री सवार थे। यात्रियों में डेचू गांव के महेंद्र मेघवाल और उनका पूरा परिवार भी शामिल था, जो दिवाली की खुशियां मनाने के लिए जा रहे थे।बस में अचानक शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि कई यात्रियों को बचाना नामुमकिन हो गया। इस हादसे में कुल 20 लोगों की मौत हो गई और लगभग 15 यात्री गंभीर रूप से झुलस गए।

बूढ़ी मां का टूटता दिल

महेंद्र की बूढ़ी मां अपने बेटे और पोते-पोतियों का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं। हादसे की खबर सुनते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। गांव में मातम का माहौल है और रिश्तेदार उनके दुख को साझा कर रहे हैं। दिवाली का त्योहार उनके लिए अब केवल याद बनकर रह गया।

जितेश चौहान की आखिरी कॉल

रामगढ़ पावर प्लांट में काम करने वाले जितेश चौहान भी बस में सवार थे। दिवाली की छुट्टी में अपने परिवार से मिलने के लिए वह खुश थे। बस में बैठने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी से फोन पर सामान्य बातचीत की, लेकिन यह बातचीत उनकी आखिरी साबित हुई। हादसे की खबर सुनते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

अस्पताल और डीएनए जांच

हादसे में मृतकों के शव इतनी बुरी तरह जल चुके थे कि पुलिस ने डीएनए सैंपल लेने की तैयारी की। मृतकों में महेंद्र, उनकी पत्नी और तीन बच्चे शामिल हैं। घायलों का इलाज जोधपुर के अस्पतालों में चल रहा है। डॉक्टर, प्रशासन और पुलिस पूरी कोशिश कर रहे हैं कि सभी को उचित इलाज मिले।

टूटे सपने और अनगिनत यादें

हादसे ने केवल 20 जिंदगियों को नहीं लिया, बल्कि पीछे छोड़ गया अपूरणीय पीड़ा और टूटे हुए सपने। महेंद्र और जितेश जैसे लोग अपनी खुशियों के साथ अपने परिवारों के पास लौट रहे थे, लेकिन यह यात्रा उनकी आखिरी साबित हुई। दिवाली का त्योहार अब इन परिवारों के लिए कभी न भूल पाने वाला दुख बन गया।
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