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October 8, 2025

आसमान के Heroes भारतीय वायुसेना के Courageous नायकों की अमर कहानियां

The CSR Journal Magazine
जब सुबह के सन्नाटे को लड़ाकू विमानों की गर्जना तोड़ती है, तो वह सिर्फ इंजनों की आवाज़ नहीं होती, बल्कि एक राष्ट्र की heartbeat होती है। Indian Air Force – IAF ने 90 वर्षों से अधिक समय तक देश के आसमान की रक्षा की है और Courage, Discipline, Sacrifice की मिसाल कायम की है।
इन विमानों के पीछे ऐसे brave men और women हैं, जिनकी कहानियों ने आज़ाद भारत का इतिहास लिखा है। आइए जानें उन असाधारण नायकों की stories, जिन्होंने सीमाओं और डर से परे उड़ान भरी।

अर्जन सिंह: वह Marshal जिसने मोर्चे से Leadership दिखाई

1965 के युद्ध के दौरान, एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह ने मात्र 44 वर्ष की आयु में वायुसेना की कमान संभाली। उनके नेतृत्व में IAF ने 22 दिनों में 1,700 से अधिक sorties कर दुश्मन को रणनीतिक बढ़त से वंचित कर दिया। उनका विश्वास था, “Leadership उदाहरण से कमाया जाता है।” 2002 में उन्हें पाँच सितारा रैंक “Marshal of the Air Force” से सम्मानित किया गया, एक ऐसा सम्मान, जो कोई और वायुसेना अधिकारी नहीं प्राप्त कर सका।

निर्मलजीत सिंह सेखों: श्रीनगर के Lone Protector

14 दिसंबर 1971 को श्रीनगर के आसमान में छह पाकिस्तानी सेबर लड़ाकू विमानों ने हमला किया। एक अकेले फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों ने अपनी छोटी ग्नैट विमान से दो दुश्मन विमानों को मार गिराया और अंतिम सांस तक लड़ते रहे। उनकी वीरता से श्रीनगर एयरबेस सुरक्षित रहा। उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, IAF के एकमात्र अधिकारी जिन्हें यह सर्वोच्च सम्मान मिला।

मेहर सिंह: वह पायलट जिसने Impossible Landing की

अक्टूबर 1947 में कश्मीर संकट के दौरान, एयर कमोडोर मेहर सिंह ने डकोटा विमान में सैनिकों को लेकर श्रीनगर के कच्चे हवाई पट्टी पर लैंड किया। बिना नक्शे, रेडियो या मौसम जानकारी के उन्होंने पहाड़ों के बीच खतरनाक उड़ान भरी। उनकी यह निडर उड़ान युद्ध की दिशा बदलने वाली साबित हुई और वे पायलटों में legend बन गए।

जग मोहन नाथ आसमान में भारत की Eyes

1962 और 1965 के युद्धों से पहले, विंग कमांडर जग मोहन नाथ ने दुश्मन के हवाई क्षेत्र में निहत्थे विमानों से reconnaissance कर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई। उनके योगदान से भारत को रणनीतिक लाभ मिला। उनकी वीरता के लिए उन्हें दो बार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।

अभिनंदन वर्धमान: Adversity में भी अडिग

फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद नियंत्रण रेखा पर हवाई मुठभेड़ में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने अपने मिग-21 विमान से दुश्मन के F-16 को मार गिराया। विमान गिरने के बाद भी उन्होंने संयम और गरिमा बनाए रखी। उनकी स्वदेश वापसी पर पूरा देश गर्व से भर उठा।

गुंजन सक्सेना: कारगिल में Female Courage की मिसाल

1999 के कारगिल युद्ध में फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना ने छोटे चीता हेलीकॉप्टर में घायल सैनिकों को बचाया और रसद पहुंचाई। संकरी घाटियों में उनकी उड़ान ने साबित किया कि Courage कोई gender नहीं जानता। वे युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरने वाली पहली महिलाओं में से एक बनीं।

एक अमर Legacy

चाहे वह अर्जन सिंह की रणनीतिक Leadership हो, सेखों की अंतिम सांस तक की लड़ाई, मेहर सिंह की निडर उड़ानें हों या गुंजन सक्सेना की साहसिक मिसाल, इन सभी नायकों की विरासत एक ही सूत्र में बंधी है: Nation के प्रति अटूट Courage और Dedication।

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