अक्सर माना जाता है कि अगर कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित है तो दिल सुरक्षित है, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि हार्ट अटैक का जोखिम केवल कोलेस्ट्रॉल पर निर्भर नहीं करता। सर्दियों में यह ख़तरा और बढ़ जाता है। जानिए वे साइलेंट फ़ैक्टर्स, लक्षण और ज़रूरी जांचें जो समय रहते दिल की बीमारी का संकेत दे सकती हैं।
भारत में दिल की बीमारियां एक गंभीर हकीकत
भारत में दिल से जुड़ी बीमारियां मौत की सबसे बड़ी वजहों में शामिल हैं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़ स्टडी के मुताबिक, देश में हर चार में से एक मौत हृदय रोगों के कारण होती है। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक मामलों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जिम्मेदार हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि अब ये बीमारियां केवल बुज़ुर्गों तक सीमित नहीं रहीं। 40 साल से कम उम्र के युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, खराब जीवनशैली, तनाव, धूम्रपान, अनियमित खानपान और शारीरिक निष्क्रियता इसकी बड़ी वजह हैं।

सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का जोखिम
ठंड का मौसम दिल के लिए अतिरिक्त चुनौती बन सकता है। 2024 में प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक ठंड और अचानक ठंडी लहरें हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ा देती हैं। खास बात यह है कि खतरा ठंड पड़ने के 2 से 6 दिन बाद सबसे ज़्यादा होता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल तक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो सकती है। इसके अलावा सर्दियों में शारीरिक गतिविधि घट जाती है, तली-भुनी चीज़ों का सेवन बढ़ता है और ब्लड प्रेशर भी ऊपर जा सकता है। इन सभी कारणों से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

सिर्फ़ कोलेस्ट्रॉल नहीं, ये साइलेंट फैक्टर्स भी हैं ज़िम्मेदार
कई लोगों का कोलेस्ट्रॉल सामान्य होने के बावजूद हार्ट अटैक हो जाता है। इसके पीछे कुछ ‘साइलेंट मार्कर्स’ होते हैं, जिनकी जानकारी ज़रूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, एपो बी लेवल शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल कणों की वास्तविक संख्या बताता है और यह दिल के जोखिम को बेहतर तरीके से आंकता है।
लिपोप्रोटीन (a) एक जेनेटिक फैक्टर है, जो खासतौर पर भारतीयों में अधिक पाया जाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।
इसके अलावा एचबीए1सी (HbA1c) टेस्ट लंबे समय की ब्लड शुगर बताता है। यह ज़्यादा होने पर डायबिटीज़ के साथ-साथ दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है।

हार्ट अटैक के लक्षण जिन्हें न करें नज़रअंदाज़
हार्ट अटैक हमेशा तेज़ सीने के दर्द के साथ ही आए, यह ज़रूरी नहीं। कई मामलों में लक्षण हल्के या भ्रमित करने वाले होते हैं।
आम संकेतों में सीने में दबाव या जलन, बाएं हाथ या कंधे में दर्द, सांस फूलना, अचानक पसीना आना, चक्कर या बेचैनी शामिल हैं।
कुछ लोगों में बिना किसी स्पष्ट कारण के सांस फूलना ही एकमात्र लक्षण होता है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे संकेतों को नज़रअंदाज़ करना ख़तरनाक हो सकता है और तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।


