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सीएसआर के लिए अब गोवा सरकार भी बनाएगी प्राधिकरण

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सीएसआर की अहमियत को समझते हुए अब गोवा सरकार भी CSR प्राधिकरण बनाने जा रही है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को Corporate Social Responsibility Authority बनाने के लिए ऐलान किया। सीएसआर ऑथोरिटी फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधीन काम करेगी। सीएसआर ऑथोरिटी को लेकर बुधवार को कैबिनेट में प्रस्ताव भी पास हो गया है।

गोवा में ऐसे काम करेगी सीएसआर प्राधिकरण

The CSR Journal से खास बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि समाज के विकास के लिए देश की कॉरपोरेट कंपनीज महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और अपने सीएसआर फंड से सकारात्मक सामाजिक बदलाव लाती हैं। सीएसआर ऑथोरिटी की मदद से गोवा में निजी कंपनियों को आपदा प्रबंधन के अलावा सीएसआर फंड को रूट करने में सहयोग प्रदान करेगा। इसके साथ साथ गोवा सरकार और निजी कंपनियों के बीच तालमेल कर सीएसआर की जहां सबसे ज्यादा जरूरत है वहां विकास के काम किये जायेंगे।

सीएसआर प्राधिकरण बनने के बाद कई विकास के होंगे काम

गोवा में सीएसआर प्राधिकरण, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात द्वारा सीएसआर प्राधिकरणों की तर्ज पर स्थापित किया जाएगा, जिसमें एक कंपनी खाता संचालित किया जाएगा, जिसमें सीएसआर निधि जमा की जा सकती है। सीएसआर प्राधिकरण के ऐलान के दौरान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि कई कंपनियों ने सीएसआर फंड की पेशकश करने के लिए सरकार से संपर्क कर रहे थे लेकिन हम सीएसआर प्रमाण पत्र नहीं दे पा रहा थे और ना ही हम फंड स्वीकार कर रहे थे। लेकिन CSR Authority बनने के बाद कई विकास के काम होंगे।

अब तक कॉर्पोरेट्स सिर्फ डिजास्टर रिलीफ में देते थे दान

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि अब तक देश की कॉरपोरेट कंपनीज़ डिज़ास्टर्स रिलीफ फंड में दान देती थी जिसका इस्तेमाल सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए ही किया जाता था। लेकिन प्राधिकरण होने से सीएसआर फंड भी सरकार को मिल सकेगा। ग़ौरतलब है कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत प्रावधानों के माध्यम से अनिवार्य कर दिया गया है।

सीएसआर के तहत सामाजिक गतिविधियों पर खर्च करना है जरूरी

हर कंपनी जो प्राइवेट लिमिटेड या पब्लिक लिमिटेड है जिन्होंने 500 करोड़ रुपये का शुद्ध मूल्य या 1,000 करोड़ रुपये का टर्न ओवर या 5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ का कारोबार किया है, उन्हें तीन वित्तीय वर्षों के लिए, तुरंत अपने औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2 फीसदी सीएसआर के तहत सामाजिक गतिविधियों पर खर्च करना जरूरी है।