जून का महीना दुनिया भर में Pride के जश्न का प्रतीक है — और इस मौके पर Rajasthan के LGBTQ+ और gender-diverse समुदायों की आवाज़ को न केवल मंच दे रहा है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम भी उठा रहा है।
इस वर्ष आयोजित Sankalp Rally 2025 न केवल Pride का उत्सव थी, बल्कि एक सामाजिक संकल्प थी — जिसमें सैकड़ों LGBTQ+ सदस्य, allies, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और युवाओं ने भाग लेकर समावेश, गरिमा और न्याय का संदेश दिया।
थार की धरती से उठी आवाज़ें
रैली का नेतृत्व थार के ग्रामीण अंचलों से आए transgender और queer नेताओं ने किया। यह आयोजन इस बात का प्रतीक था कि समावेशिता सिर्फ़ शहरी मुद्दा नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की हकीकत भी है। रंग-बिरंगे झंडे, साहसिक नारों और जोशीले कदमों के साथ यह स्पष्ट संदेश दिया गया — ‘Visibility saves lives’
Sambhali Trust के संस्थापक और Sambhali Development Foundation के निदेशक गोविंद सिंह राठौड़ ने इस मौके पर कहा, “प्राइड हमारे लिए केवल उत्सव नहीं, बल्कि यह एक जीवनपर्यंत अभियान है — आत्मसम्मान, अवसर और सामाजिक न्याय के लिए।”
PILs दायर किए
केवल वर्ष 2025 में ही 350 से अधिक LGBTQ+ व्यक्तियों ने इस परियोजना का सीधा लाभ उठाया है। इसके अलावा, Trust ने LGBTQ+ अधिकारों को सुरक्षित करने हेतु महत्वपूर्ण Public Interest Litigations (PILs) भी दायर किए हैं, जो सामाजिक और कानूनी परिवर्तन की दिशा में निर्णायक क़दम हैं।
Pride के साथ Purpose
जून 2025 के दौरान कई impactful कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें सबसे प्रमुख Sankalp Rally रही। इस रैली ने राजस्थान में LGBTQ+ presence को जन-जन तक पहुँचाया।
राठौड़ कहते हैं, “हमारा rainbow किसी इमारत से नहीं, बल्कि रेत की उस ज़मीन से उठता है — जहाँ साहस, समुदाय और संकल्प के धागों से इसका हर रंग बुना गया है।”