बिहार की राजनीति में Fake Voter ID का मुद्दा इन दिनों गरमा गया है। इस विवाद के केंद्र में हैं विपक्ष के नेता और RJD प्रमुख तेजस्वी यादव, जिनके एक Press Conference में दिखाए गए Voter ID Card को चुनाव आयोग ने फर्जी करार देते हुए नोटिस जारी किया है।
चुनाव आयोग ने तेजस्वी को आदेश दिया है कि वे 16 अगस्त 2025 की शाम 5 बजे तक अपना असली EPIC (Electors Photo Identity Card) प्रस्तुत करें। इस मामले ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति को और भी ज्यादा गर्म कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
1 अगस्त को तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया था कि उनकी पहचान छेड़छाड़ का शिकार हुई है। उन्होंने कहा कि Voter List से उनका नाम हटा दिया गया है और नया EPIC Number जारी किया गया है, जो कि फर्जी है। इसी दौरान उन्होंने एक Voter ID कार्ड मीडिया के सामने पेश किया, जिसका नंबर था RAB2916120।
अब इस नंबर की जांच के बाद Election Commission ने स्पष्ट किया है कि यह नंबर उनके National Database में दर्ज ही नहीं है। आयोग ने इस कार्ड को नकली बताते हुए तेजस्वी यादव को नोटिस जारी किया है और जवाब तलब किया है।
पुराने रिकॉर्ड में है अलग EPIC Number
चुनाव आयोग द्वारा जारी नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि तेजस्वी यादव ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में राघोपुर से नामांकन दाखिल करते समय EPIC Number RAB0456228 का उल्लेख किया था। यह नंबर आज भी Voter List 2025 में मौजूद है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो Fake ID दिखाई गई, वह कहां से आई?
कानूनी पहलू और सियासी घमासान
नकली सरकारी दस्तावेज बनाना और उसे प्रस्तुत करना कानूनन गंभीर अपराध है। ऐसे में अगर यह प्रमाणित हो जाता है कि तेजस्वी ने जानबूझकर फर्जी Voter ID दिखाया है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी संभव है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से यह मामला बहुत अहम हो गया है। सत्ता पक्ष इस मुद्दे को तेजस्वी की credibility से जोड़ रहा है, वहीं विपक्ष इसे सरकार की साजिश बता रहा है। खुद तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उन्हें चुनावी प्रक्रिया से बाहर करने के लिए यह साजिश रची जा रही है।
तेजस्वी की प्रतिक्रिया
तेजस्वी ने मीडिया को बताया कि वे उचित समय पर इसका जवाब देंगे। हालांकि अभी तक उन्होंने इस मामले में कोई विस्तृत Statement जारी नहीं किया है।
Fake EPIC controversy बिहार की सियासत में एक नया मोड़ लेकर आई है। चुनाव आयोग की सख्ती और विपक्ष के नेता पर लगे गंभीर आरोप इस बात का संकेत हैं कि आने वाले दिन राज्य की राजनीति में और भी ज्यादा हलचल ला सकते हैं। अब सबकी नजर 16 अगस्त की समयसीमा पर टिकी है, जब तेजस्वी को अपना असली पहचान पत्र सौंपना है।