बिहार राज्य निर्वाचन आयोग E-Voting प्रणाली की शुरुआत कर रहा है, जो राज्य में मतदान प्रणाली को आधुनिक, सुरक्षित और ज्यादा accessible बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस नवाचार का उद्देश्य विशेष रूप से divyang voters, senior citizens और migrant voters को ध्यान में रखते हुए उन्हें home-based voting की सुविधा उपलब्ध कराना है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने जानकारी दी कि आगामी Municipal By-Elections 2025 में pilot basis पर इस प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग का लक्ष्य हर मतदाता को free, fair, transparent और convenient voting experience प्रदान करना है।
क्या है E-Voting का कॉन्सेप्ट?
ई-वोटिंग का मतलब है कि अब मतदाता अपने घर से ही सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से मतदान कर सकेंगे। खासकर ऐसे मतदाता जिन्हें मतदान केंद्र तक पहुँचने में कठिनाई होती है—जैसे दिव्यांग, वृद्ध या प्रवासी नागरिक—वे अब mobile या computer device के माध्यम से वोट डाल सकेंगे।
इस प्रक्रिया की शुरुआत registration से होती है। मतदाता को सबसे पहले अपनी पहचान और consent डिजिटल माध्यम से देनी होती है। इसके बाद, live selfie और पुराने EPIC (Voter ID) फोटो को AI-based facial recognition तकनीक से मिलाया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदाता जीवित है और वही व्यक्ति है जो वोट देने का पात्र है।
पुराने फोटो से न हो चिंता
आयुक्त ने बताया कि यदि EPIC में पुराने फोटो भी हैं, जो 20–25 साल पुराने हों, तब भी AI facial match technology उसे सफलतापूर्वक पहचान सकती है। यह तकनीक इतनी सक्षम है कि वह उम्र में आए बदलावों को भी ध्यान में रखती है।
सुरक्षा और पारदर्शिता सर्वोपरि
उन्होंने बताया कि इस नई प्रणाली में security और transparency को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह digital हो चुकी है। Booth capturing जैसी घटनाओं की अब कोई गुंजाइश नहीं है। साथ ही, काउंटिंग प्रक्रिया भी पूरी पारदर्शिता के साथ होती है।
चुनाव आयोग की पहल
यह प्रयास केवल तकनीकी उन्नति नहीं, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उन लाखों मतदाताओं को मतदान में भाग लेने का अधिकार मिलेगा, जो पहले असुविधा या असमर्थता के कारण इस अधिकार से वंचित रह जाते थे।
राज्य निर्वाचन आयोग इस digital voting revolution के ज़रिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि “हर मतदाता की भागीदारी हो—चाहे वह कहीं भी हो, या किसी भी स्थिति में हो।”
बिहार में E-Voting system का आगमन न केवल एक तकनीकी क्रांति है, बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ों को और मज़बूत करने का प्रयास भी है। यदि यह pilot project सफल रहा, तो निकट भविष्य में इसे अन्य राज्यों और चुनावों में भी लागू किया जा सकता है।