झारखंड हज़ारीबाग़ के आंगनबाड़ी बच्चों का जल्द ही भविष्य सवरने वाला है, इन बच्चों का जल्द ही स्वरूप बदलने वाला है। अब हज़ारीबाग़ के आंगनबाड़ी भी चमकेंगे। अब बहुत जल्द ही आंगनबाड़ी के बच्चे भी पहनेंगे कान्वेंट जैसे स्कूल ड्रेस। ये सब बहुत जल्द होने वाला है। अगर आपके बच्चे हज़ारीबाग़ के आंगनबाड़ी में जाते है तो जल्दी ही उन्हें और भी सुविधाएं मिलने वाली है। हज़ारीबाग़ जिले के कुल 1770 आंगनबाड़ी केंद्रों में 161 केंद्रों का रंगरूप जल्द ही बदलने वाला है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों को माडल केंद्र का दर्जा दिया जा रहा है। विशेष केंद्रीय निधि से 100 और सीएसआर से 61 केंद्रों का नक्शा जल्द ही बदल जाएगा। इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और कई आंगनबाड़ी केंद्रों का स्वरूप बदल भी चुका है।
सीएसआर से आकर्षित होंगे आंगनबाड़ी
सबसे पहले तो इन केंद्रों का अपना मकान होगा। साथ ही इन केंद्रों के रंग रोगन ऐसा हो जाएगा कि दूर से ही लोगों का आकर्षित करेगा, ख़ासकर बच्चों को। इन आंगनबाड़ी केंद्रों की दीवारों पर ऐसी पेंटिग होगी जिससे बच्चे न सिर्फ रोमांचित होंगे बल्कि उससे शिक्षा भी मिलेगी। दीवारों पर हिदी व अंग्रेजी में अंक व अक्षर ज्ञान की पहचान कराई जाएगी। साथ ही एनिमल और बर्ड्स के पिक्चर भी दर्शाए जाएंगे। मॉडल केंद्रों में बच्चों के बैठने के लिए बेंच डेस्क भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा इन केंद्रों में बच्चों के मनोरंजन के लिए खिलौने व झूले भी रहने वाले है। ख़ास बात ये भी है कि इन मॉडल आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे भी कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर स्कूल ड्रेस में रहेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों के परिसर में फूलों के पौधे भी लगाए जाएंगे ताकि बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिल सके।
वही झारखंड के जमशेदपुर में सीएसआर की मदद से टाटा मोटर्स ने 500 मोटर मैकेनिकों को प्रशिक्षण दिया है। मोटर मैकेनिक प्रशिक्षित होकर आत्मनिर्भर बन रहें है। मोटर व्हीकल ट्रेनिंग देकर 500 को रोज़गार दिलाने की एक शानदार पहल भी टाटा मोटर्स द्वारा की है। हम आपको बता दें कि टाटा मोटर्स ने पिछले एक साल में एक लाख लोगों को प्रशिक्षित किया। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में प्रशिक्षित कर्मचारियों की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए टाटा मोटर्स जमशेदपुर में अपने कौशल विकास और सीएसआर के तहत “कौशल” प्रोग्राम तहत मैकेनिक मोटर व्हीकल ट्रेनिंग का आयोजन कर रही है।
टाटा मोटर्स के सीएसआर से 8.3 लाख से अधिक लोग लाभान्वित
टाटा मोटर्स की इस पहल से जहां बेरोज़गारी जैसे समस्या से निपटा जा रहा है वहीं कौशल प्रोग्राम प्रधानमंत्री कौशल भारत के दृष्टिकोण को भी कारगर कर रहा है। ग़ौरतलब है कि टाटा मोटर्स की पहल से प्रशिक्षित युवाओं ने रोज़गार पाया है या स्वरोजगार कर रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप परिवार की आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है। टाटा मोटर्स लगातार सीएसआर के तहत सामाजिक बदलाव करती रहती है। टाटा मोटर्स ने अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी हालही की रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में 22.91 करोड़ सीएसआर पर खर्च किये गए। पिछले वित्तीय वर्ष में सीएसआर से 8.3 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए थे।