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December 30, 2025

ताइवान के आसपास चीन का शक्ति प्रदर्शन ‘जस्टिस मिशन 2025’ अभ्यास में रॉकेट दागे, नकली नाकाबंदी का पूर्वाभ्यास

The CSR Journal Magazine
चीन ने ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास “जस्टिस मिशन 2025” के तहत कई रॉकेट दागे और द्वीप की नकली नाकाबंदी का अभ्यास किया। इस दौरान नौसेना, वायुसेना और रॉकेट बल की व्यापक तैनाती हुई। ताइवान ने इसे क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर चुनौती बताया, जबकि चीन ने इसे अलगाववादी ताकतों के खिलाफ चेतावनी करार दिया।

जस्टिस मिशन 2025, 10 घंटे का लाइव-फायर अभ्यास

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने मंगलवार को सैन्य अभ्यास के दूसरे दिन ताइवान के आसपास लाइव-फायर अभ्यास किया। चीनी सरकारी मीडिया के अनुसार, यह अभ्यास स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक चला। इसमें नौसेना के विध्वंसक पोत, बमवर्षक विमान, लड़ाकू जेट, रॉकेट बल और अन्य सैन्य इकाइयों की भागीदारी रही।
अभ्यास के दौरान हवाई और समुद्री गश्त, नकली सटीक हमले, पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास और प्रमुख बंदरगाहों की नकली नाकाबंदी का पूर्वाभ्यास किया गया। चीन का दावा है कि ये गतिविधियां उसकी संप्रभुता की रक्षा और बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए आवश्यक हैं।

ताइवान के जलक्षेत्र के करीब रॉकेट दागे गए

ताइवान के तटरक्षक बल ने बताया कि अभ्यास क्षेत्र एक और दो में कम से कम सात रॉकेट दागे गए। ये क्षेत्र ताइवान के आसपास के जलक्षेत्र में स्थित हैं, जिन्हें चीन ने अस्थायी रूप से घेर रखा था।
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कुछ लाइव-फायर अभ्यास ताइवान के प्रादेशिक जल क्षेत्र में या तटरेखा से 12 समुद्री मील के भीतर किए गए। इसे ताइवान ने अपनी सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया और कहा कि वह स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए है।

हवाई यातायात प्रभावित, सैकड़ों उड़ानें बाधित

इन सैन्य अभ्यासों का असर नागरिक उड़ानों पर भी पड़ा। ताइवान के नागरिक उड्डयन प्रशासन ने बताया कि मंगलवार को 80 से अधिक घरेलू उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिनमें कई बाहरी द्वीपों की उड़ानें शामिल थीं। इसके अलावा, अभ्यास क्षेत्रों के कारण हवाई यातायात मार्ग बदलने पड़े, जिससे 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देरी होने की आशंका जताई गई। इससे आम नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भारी असुविधा हुई, जिसे लेकर ताइवान में नाराज़गी देखी गई।

अमेरिका, हथियार सौदा और क्षेत्रीय संदेश

“जस्टिस मिशन 2025” अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका ने हाल ही में ताइवान के लिए 11.1 अरब डॉलर के हथियार पैकेज की घोषणा की है। चीनी सरकारी अखबार चाइना डेली ने इसे अमेरिकी हथियार बिक्री के जवाब में उठाया गया कदम बताया।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि ये अभ्यास ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने वाली ताकतों के खिलाफ “दंडात्मक और निवारक कार्रवाई” हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, इन अभ्यासों का एक प्रमुख उद्देश्य “एंटी-एक्सेस और एरिया डिनायल” क्षमता का परीक्षण है, ताकि किसी संभावित संघर्ष में ताइवान को अमेरिका और जापान जैसे सहयोगियों से मदद न मिल सके।
यह 2022 में अमेरिकी नेता नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से ताइवान के आसपास चीन का छठा बड़ा सैन्य अभ्यास है, जो क्षेत्र में बढ़ते तनाव और संभावित टकराव की ओर इशारा करता है।

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