चीन ने ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास “जस्टिस मिशन 2025” के तहत कई रॉकेट दागे और द्वीप की नकली नाकाबंदी का अभ्यास किया। इस दौरान नौसेना, वायुसेना और रॉकेट बल की व्यापक तैनाती हुई। ताइवान ने इसे क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर चुनौती बताया, जबकि चीन ने इसे अलगाववादी ताकतों के खिलाफ चेतावनी करार दिया।
जस्टिस मिशन 2025, 10 घंटे का लाइव-फायर अभ्यास
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने मंगलवार को सैन्य अभ्यास के दूसरे दिन ताइवान के आसपास लाइव-फायर अभ्यास किया। चीनी सरकारी मीडिया के अनुसार, यह अभ्यास स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक चला। इसमें नौसेना के विध्वंसक पोत, बमवर्षक विमान, लड़ाकू जेट, रॉकेट बल और अन्य सैन्य इकाइयों की भागीदारी रही।
अभ्यास के दौरान हवाई और समुद्री गश्त, नकली सटीक हमले, पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास और प्रमुख बंदरगाहों की नकली नाकाबंदी का पूर्वाभ्यास किया गया। चीन का दावा है कि ये गतिविधियां उसकी संप्रभुता की रक्षा और बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए आवश्यक हैं।

ताइवान के जलक्षेत्र के करीब रॉकेट दागे गए
ताइवान के तटरक्षक बल ने बताया कि अभ्यास क्षेत्र एक और दो में कम से कम सात रॉकेट दागे गए। ये क्षेत्र ताइवान के आसपास के जलक्षेत्र में स्थित हैं, जिन्हें चीन ने अस्थायी रूप से घेर रखा था।
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कुछ लाइव-फायर अभ्यास ताइवान के प्रादेशिक जल क्षेत्र में या तटरेखा से 12 समुद्री मील के भीतर किए गए। इसे ताइवान ने अपनी सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया और कहा कि वह स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए है।
हवाई यातायात प्रभावित, सैकड़ों उड़ानें बाधित
इन सैन्य अभ्यासों का असर नागरिक उड़ानों पर भी पड़ा। ताइवान के नागरिक उड्डयन प्रशासन ने बताया कि मंगलवार को 80 से अधिक घरेलू उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिनमें कई बाहरी द्वीपों की उड़ानें शामिल थीं। इसके अलावा, अभ्यास क्षेत्रों के कारण हवाई यातायात मार्ग बदलने पड़े, जिससे 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देरी होने की आशंका जताई गई। इससे आम नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भारी असुविधा हुई, जिसे लेकर ताइवान में नाराज़गी देखी गई।


