बहुत से निवेशक मानते हैं कि म्यूचुअल फंड का पैसा केवल स्टॉक मार्केट यानी इक्विटी में जाता है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड सिर्फ इक्विटी तक सीमित नहीं हैं। निवेशकों के पास कई विकल्प मौजूद हैं, जैसे डेट फंड, हाइब्रिड फंड और फंड ऑफ फंड। इसका मतलब यह है कि आप अपनी जोखिम क्षमता और निवेश लक्ष्य के अनुसार अपने निवेश को कस्टमाइज कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड क्यों है रिटेल निवेशकों का पसंदीदा विकल्प
म्यूचुअल फंड लोकप्रिय इसलिए है क्योंकि आपका पैसा प्रोफेशनल फंड मैनेजर के हाथ में होता है। यह आपके निवेश को डायवर्सिफाई करता है और सबसे बड़ी सुविधा, आप जब चाहे फंड को बेच सकते हैं। हालांकि, मार्केट की अनिश्चितता और जियोपॉलिटिक्स के कारण सही विकल्प चुनना हमेशा आसान नहीं होता।
Mutual Fund में कौन-कौन से एसेट क्लास हैं?
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इक्विटी फंड – स्टॉक मार्केट में निवेश, लंबी अवधि के लिए उपयुक्त। समय के साथ पैसा बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प।
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डेट फंड – इसमें ट्रेजरी बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियां, कमर्शियल पेपर्स और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाया जाता है। यह सुरक्षित होते हैं और लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न देते हैं।
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हाइब्रिड फंड – इक्विटी और डेट का मिश्रण।
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एग्रेसिव हाइब्रिड: ज्यादा रिटर्न के लिए थोड़ा अधिक रिस्क।
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कंजर्वेटिव हाइब्रिड: सुरक्षित और स्थिर रिटर्न।
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अन्य विकल्प: मल्टी-एसेट फंड, फंड ऑफ फंड और ETFs, जो निवेश को और अधिक डायवर्सिफाई करने का मौका देते हैं।
आदर्श पोर्टफोलियो कैसे बनाएं?
सफल पोर्टफोलियो बनाने के लिए सबसे पहले अपने निवेश लक्ष्य को स्पष्ट करें। यह लक्ष्य तीन तरह के हो सकते हैं:
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शॉर्ट टर्म: 1–5 साल
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मिड टर्म: 5–7 साल
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लॉन्ग टर्म: 7 साल या उससे ऊपर
सुनिल बाहरी के अनुसार,
“अगर बच्चे की शिक्षा पर 10 साल बाद खर्च करना है, तो सिर्फ डेट फंड में पैसा लगाने से पैसा ग्रो नहीं करेगा। ऐसे में इक्विटी में निवेश जरूरी है। यानी मंजिल तक पहुंचने के लिए सही वाहन का चुनाव करना बहुत जरूरी है।”

