Home हिन्दी फ़ोरम “सेवा सप्ताह” पर भारी “बेरोज़गारी”

“सेवा सप्ताह” पर भारी “बेरोज़गारी”

372
0
SHARE
 
आज कोई बेरोज़गारी पर आधिकारिक दिवस नहीं है लेकिन बावजूद इसके अगर आप ट्विटर फेसबुक और तमाम सोशल मीडिया साइट्स देखेंगे तो आप पाएंगे कि राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस ट्रेंड कर रहा है और अजीब इत्तेफ़ाक ये भी है कि “राष्ट्रीय बेरोज़गारी दिवस” पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है।  हैशटैग #”राष्ट्रीय_बेरोज़गारी_दिवस” देखते ही देखते हर एक सोशल साइट्स पर इतना तूल पकड़ रहा है कि लाखों लोग इस पर अपनी भड़ास निकाल रहें है।

बीजेपी के “सेवा सप्ताह” पर भारी है विपक्ष का “बेरोज़गारी

पीएम मोदी के जन्मदिन के अवसर पर बीजेपी कार्यकर्ता पीएम मोदी का जन्मदिन ‘सेवा सप्ताह’ के रूप में मना रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने इस दिन को बेरोज़गारी दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। लाखों की संख्या में युवा सरकार से रोज़गार की मांग (National Unemployment Day) करते हुए सोशल मीडिया साइट पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। इसी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी ट्वीट किया है। राहुल ने लिखा है कि यही कारण है कि देश का युवा आज राष्ट्रीय_बेरोजगारी_दिवस मनाने पर मजबूर है। रोज़गार सम्मान है। सरकार कब तक ये सम्मान देने से पीछे हटेगी?

आज सुबह से ही #राष्ट्रीय_बेरोजगारी_दिवस, #NationalUnemploymentDay जैसे हैशटेग ट्विटर पर टॉप ट्रेडिंग में है। इस हैशटेग के साथ ट्वीट करके कई ट्विटर यूजर्स पीएम मोदी से पूछ रहे है, ‘रोज़गार कहां है?’ राहुल गांधी लंबे समय से देश में फैली कोरोना महामारी, गिरती अर्थव्यवस्था और बेरोज़गारी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर हैं।

रोज़गार का हाल है बुरा, देश में बढ़ रही है बेरोज़गारी

देश में कोरोना महामारी के चलते लागु हुए लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। इस दौरान देश में कई छोटे बड़े उद्योंगों पर भी ताला लग गया है। जिसकी वजह से बेरोज़गारी का आलम और भी भयावह हो गया। ये बेरोज़गारी लंबे समय तक रह सकती है। ऐसे में सेंटर फॉर इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि लॉकडाउन लगने के एक महीने के बाद से करीब 12 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है।

बेरोज़गारी पर केंद्र सरकार और मोदी के प्रति युवाओं की बढ़ती नाराज़गी

देश में बढ़ती बेरोज़गारी के चलते युवाओं में केंद्र की मोदी सरकार के प्रति नाराज़गी बढ़ती जा रही है। युवा कई मौक़ों पर सरकार के प्रति अपनी नाराज़गी व्यक्त कर चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से देशभर में छात्र नौकरी, परीक्षा, रुकी हुई भर्तियों को जल्द पूरी कराने की मांग और भी तीव्र होती जा रही है। सोशल मीडिया से लेकर यूट्यूब पर पीएम मोदी और बीजेपी के वीडियो पर डिस्लाइक बटन दबा रहे हैं। बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं को विपक्षी पार्टियों का भी भरपूर साथ मिल रहा है।

बेरोज़गारी का आलम – कितनी है डिमांड, कितनी है नौकरियां

श्रम मंत्रालय ने हाल ही में रोज़गार के आंकड़ें जारी किये है। आंकड़ों के मुताबिक देश में एक करोड़ से ज्यादा लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं। लेकिन देश में सिर्फ एक लाख 77 हज़ार नौकरियां ही हैं। देश में एक करोड़ तीन लाख लोगों ने सरकार के नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन पश्चिम बंगाल से हुआ है। यहां से 23.61 लाख लोगों ने नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। वहीं दूसरे नंबर पर यूपी है। यहां से 14.62 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 13.32 लाख, चौथे नंबर पर बिहार में 12.32 लाख और पांचवें नंबर पर राजस्थान में 6.17 लाख लोग फिलहाल नौकरी तलाश रहे हैं।

युवाओं में मोदी चार्म की कमी!

कोई ताज्जुब नहीं कि हर साल 2 करोड़ नौकरियों के आने का सपना देखने वाले देश के पढ़-लिखे युवा आए दिन कभी घंटी, कभी थाली बजाकर तो कभी दीये और मशाल जलाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यही बीजेपी की सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को नौकरी का सपना दिखाया और फिर सरकारी नौकरी देनें में भी असमर्थता जाहिर करते हुए आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया। जाहिर है पीएम का युवाओं के प्रति ये रवैया गलत है जिससे अब युवाओं में मोदी चार्म की कमी जरूर देखने को मिल रही  है।