राजधानी पटना में आयोजित ऊर्जा मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मंगलवार को बिहार के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा हुई। अब राज्य में पहली बार Nuclear Power Plant स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सम्मेलन के बाद प्रेस वार्ता में ऐलान किया कि बिहार में Small Modular Reactor (SMR) लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार इस परियोजना में राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग देगी।
इस कदम को बिहार की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन के तौर पर देखा जा रहा है। साथ ही, इसे डबल इंजन सरकार की बड़ी उपलब्धि और विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण सौगात माना जा रहा है।
हर राज्य को मिलेगा अपना परमाणु संयंत्र
केंद्रीय मंत्री खट्टर ने कहा कि देश की Energy Security और बढ़ती Electricity Demand को देखते हुए सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर राज्य में कम से कम एक परमाणु संयंत्र स्थापित किया जाए। उन्होंने बताया कि देशभर में छह SMR units लगाने की योजना है, जिनमें से एक बिहार को मिलेगा।
उन्होंने कहा, “अगर बिहार सरकार तैयार है, तो केंद्र सरकार न केवल स्वीकृति देगी, बल्कि तकनीकी और वित्तीय मदद भी उपलब्ध कराएगी।”
SMR क्या है और क्यों है खास?
Small Modular Reactor (SMR) आधुनिक तकनीक से तैयार एक ऐसा छोटा परमाणु रिएक्टर होता है जो पारंपरिक रिएक्टरों के मुकाबले कई मामलों में बेहतर होता है।
SMR की प्रमुख विशेषताएं:
कम लागत और समय में निर्माण संभव
बेहतर सुरक्षा तकनीक से सुसज्जित
कम आबादी वाले क्षेत्रों में भी लगाया जा सकता है
रखरखाव में आसान और लागत प्रभावी
ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन का अहम हिस्सा
बिहार जैसे राज्य, जहां ऊर्जा अवसंरचना को अब तक अपेक्षित मजबूती नहीं मिल पाई है, वहां SMR की स्थापना एक गेमचेंजर साबित हो सकती है। इससे स्थायी ऊर्जा स्रोत, तकनीकी निवेश, स्थानीय रोजगार, और उद्योगिक विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
बिहार के लिए ऐतिहासिक अवसर
पटना में आयोजित यह ऊर्जा सम्मेलन बिहार के लिए ऐतिहासिक और निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। यह पहली बार होगा जब राज्य में nuclear energy infrastructure की नींव रखी जाएगी। इसे न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार परिदृश्य में भी इसका असर पड़ने की उम्मीद है।
अब सबकी निगाहें बिहार सरकार पर टिकी हैं — कि वह इस प्रस्ताव को कितनी जल्दी और प्रभावशाली ढंग से लागू करती है। अगर इसे समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाया गया, तो यह न केवल राज्य के ऊर्जा संकट को खत्म करेगा, बल्कि बिहार को राष्ट्रीय ऊर्जा मानचित्र पर एक नई पहचान भी दिलाएगा।
बिहार में SMR आधारित परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना केवल तकनीकी निवेश नहीं, बल्कि नई ऊर्जा क्रांति की शुरुआत है। यह बिहार को Clean Energy, Employment और Industrial Growth के नए युग में प्रवेश कराने की ओर निर्णायक कदम हो सकता है।