बिहार में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। एक मां ने महज 10 हजार रुपये के कर्ज के बदले अपनी ढाई महीने की दुधमुंही बच्ची को गिरवी रख दिया। यह मामला मुजफ्फरपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र का है। सूदखोर के दबाव और पैसे की तंगी ने एक मां को इतना मजबूर कर दिया कि उसे अपनी ममता को गिरवी रखने पर मजबूर होना पड़ा। यह खबर इलाके में आग की तरह फैल गई, जिससे लोगों में भारी आक्रोश देखा गया।
पुलिस की तत्परता से मिली बच्ची, ढ़ाई घंटे में हुई बरामदगी
जैसे ही इस घटना की जानकारी नगर थानेदार शरत कुमार को मिली, उन्होंने तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सदर थाना के माधोपुर सुस्ता गांव की महिला की बच्ची को कर्ज के एवज में छीन लेने की सूचना मिलते ही एक गश्ती दल को तत्काल मां के साथ मौके पर भेजा गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र ढाई घंटे के भीतर सूदखोर के चंगुल से बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि मां ने कर्ज के पैसे चुकाने के लिए कई लोगों से मदद मांगी थी, लेकिन कहीं से भी पैसों का इंतजाम नहीं हो सका, जिसके बाद उसे यह कदम उठाना पड़ा।
भावुक पल: बच्ची को पाकर मां ने पुलिस का आभार जताया
बच्ची को वापस पाने के बाद मां काफी भावुक हो गई और उसने पुलिस का आभार व्यक्त किया। हालांकि, इस दर्दनाक अनुभव के बावजूद, मां ने किसी भी तरह का कानूनी केस दर्ज कराने से इनकार कर दिया। पुलिस के समझाने के बाद भी उसने कहा कि वह अब सिर्फ अपनी बच्ची के साथ रहना चाहती है। आखिरकार, वह मुचलके पर अपनी बच्ची को लेकर खुशी-खुशी घर लौट गई। इस घटना ने एक बार फिर समाज में व्याप्त सूदखोरी और गरीबी की समस्या को उजागर किया है।