पटना से सटे मसौढ़ी में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है, जो पूरे प्रशासनिक सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। यह घटना दिखाता है कि बिहार में सरकारी व्यवस्था में कितनी बड़ी लापरवाही है।
कैसे हुआ यह संभव?
मसौढ़ी अंचल कार्यालय के RTPS पोर्टल से जारी इस निवास प्रमाण पत्र पर ‘डॉग बाबू’ नाम, पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’, और माता का नाम ‘कुटिया देवी’ लिखा हुआ है। पता मोहल्ला काउलीचक, वार्ड नंबर 15, नगर परिषद मसौढ़ी दर्ज है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस प्रमाण पत्र पर मसौढ़ी अंचल कार्यालय के राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान के डिजिटल हस्ताक्षर भी मौजूद हैं। बिना राजस्व पदाधिकारी के डोंगल के डिजिटल सिग्नेचर होना असंभव है, जिससे यह सवाल उठता है कि उनके डोंगल का गलत इस्तेमाल किसने और कैसे किया।
गंभीर धोखाधड़ी का मामला
जब इस प्रमाण पत्र संख्या (BRCCO2025/15933581) की जाँच की गई, तो पता चला कि यह दिल्ली की एक महिला के असली दस्तावेजों से जुड़ा हुआ था, जिसमें उनके आधार कार्ड और पति से संबंधित दस्तावेज अपलोड थे। इसका साफ मतलब है कि किसी ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके सिस्टम को धोखा दिया है।
प्रशासन सख्त, होगी कार्रवाई
इस मामले पर अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने इसे सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ का गंभीर मामला बताया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि राजस्व पदाधिकारी के डोंगल के गलत इस्तेमाल की जाँच करवाई जाएगी। इसमें शामिल RTPS और राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी और प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर कठोर कदम उठाने के आदेश तत्काल प्रभाव से दे दिए गए हैं। यह घटना बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है।