बिहार की सियासत में इन दिनों शब्दों की तलवारें तेज होती जा रही हैं। राजनीतिक बयानबाजियों और आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में अब केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने RJD और लालू यादव परिवार पर सीधा हमला बोला है। जमुई में मीडिया से बातचीत करते हुए मांझी ने लालू को ‘गब्बर सिंह’ की उपमा देते हुए परिवारवाद, दलित विरोधी मानसिकता और तेजस्वी यादव की सियासी रणनीति पर गंभीर सवाल उठाए।
जीतनराम मांझी ने कहा, “जिसने अपने पूरे परिवार—पत्नी, बेटे, बेटी, साले—को राजनीति में प्रमोट किया हो, वो दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले खुद को देखे।”
अपने चिर-परिचित अंदाज में उन्होंने कहा, “चलनी दूसे बढ़नी के”, यानी जिसमें खुद हजार छेद हैं, वो दूसरों को नसीहत दे रहा है।
तेजस्वी का मीसा भारती को हटाने का प्लान?
मांझी ने दावा किया कि तेजस्वी यादव एक सुनियोजित योजना के तहत मीसा भारती को सियासत से बाहर करने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी परिवार में अकेले नेतृत्व चाहते हैं, इसलिए वह धीरे-धीरे अपने भाई और बहन को रास्ते से हटा रहे हैं। मांझी ने कहा, “पहले भाई को किनारे किया, अब बहन-बेहनई को हटाने के लिए ‘दामाद मुद्दा’ लाया गया है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेने से बचा जा सके।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “जो अपने घर-परिवार का नहीं हो सका, वह जनता का क्या होगा?”
‘लालू शुरू से दलित विरोधी’
मांझी ने लालू यादव को दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि आज भी दलित समाज उनके साथ खड़ा नहीं होता। उन्होंने सवाल उठाया कि तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, मीसा भारती या रोहिणी आचार्य किस आंदोलन की उपज हैं? इनकी एकमात्र योग्यता बस यही है कि ये लालू यादव के परिवार से आते हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे बेटे ने तो अपनी शैक्षणिक योग्यता के दम पर जगह बनाई है, लालू जी ने तो सिर्फ खानदान का फायदा दिया।”
सीट शेयरिंग पर दिखे लचीले
हालांकि विधानसभा चुनाव को लेकर NDA में सीट बंटवारे के सवाल पर मांझी का रुख पहले की तुलना में नरम दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि गठबंधन में जो भी फैसला होगा, वे उसका पालन करेंगे। इससे पहले वे इस मुद्दे पर काफी सख्त तेवर दिखा चुके थे और चिराग पासवान पर भी अप्रत्यक्ष हमला बोला था।
X पोस्ट में लालू को बताया ‘गब्बर सिंह’
मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से लालू यादव को ‘गब्बर सिंह’ बताते हुए लिखा,
“अब बहन और बहनोई को बाहर करने के लिए दामाद का मुद्दा उठाया जा रहा है, ताकि गब्बर सिंह भविष्य में अपनी बेटी-दामाद को भी सेट न कर सके।”
उन्होंने आगे लिखा, जो घर-परिवार का नहीं हो सकता, वह किसी का नहीं हो सकता। इस पोस्ट को राजनीतिक गलियारों में लालू यादव और उनके परिवार के विरुद्ध कड़ा संदेश माना जा रहा है।
बिहार की राजनीति में चुनाव से पहले राजनीतिक हमले तेज हो गए हैं। जीतनराम मांझी के ताजा बयानों ने यह साफ कर दिया है कि RJD और NDA के बीच राजनीतिक जंग में अब निजी हमलों का दौर भी शुरू हो चुका है। आने वाले समय में यह जंग और तीखी होती नजर आ सकती है|