Election Commission की Door-to-Door Verification में खुलासा हुआ है की बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत Election Commission ने राज्य में घर-घर जाकर Voter List का Verification किया। इस प्रक्रिया में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है—लगभग 52.30 लाख मतदाता अब अपने पंजीकृत पते पर नहीं पाए गए। इनमें से 18 लाख Voters की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 26 लाख मतदाता राज्य या क्षेत्र बदल चुके हैं।
21.36 लाख मतदाता अभी भी ‘Missing’
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि Election Commission को 21.36 लाख ऐसे मतदाता मिले हैं जिनकी कोई पुख्ता जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। इनमें कुछ के पासपोर्ट, आधार या अन्य सरकारी दस्तावेजों से लिंक नहीं मिल पा रहा है। ये मतदाता फिलहाल “Untraceable” की श्रेणी में रखे गए हैं।
Political Parties को सौंपी गई Suspected Voters की List
Election Commission ने 12 राजनीतिक दलों को उन Voters की सूची सौंपी है, जिनकी या तो मृत्यु हो चुकी है, वे अन्य स्थानों पर जा चुके हैं या फिर उन्होंने Duplicate Entry यानी दो जगह नाम दर्ज करा रखा है। आयोग ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे ऐसे मतदाताओं से संपर्क कर उन्हें चुनाव कार्यालय तक पहुँचने के लिए प्रेरित करें।
1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति का मौका
Election Commission ने स्पष्ट किया है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक मतदाता अपने नाम की पुष्टि, सुधार या शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस दौरान सभी आपत्तियों और फीडबैक को गंभीरता से लिया जाएगा।
Final Voter List होगी 30 सितंबर को जारी
अधिकारियों के अनुसार, सभी संशोधन और आपत्तियों को निपटाने के बाद 30 सितंबर को Final Voter List प्रकाशित की जाएगी। आयोग का लक्ष्य है कि कोई भी योग्य मतदाता Voting Process से वंचित न रहे और कोई भी अयोग्य व्यक्ति सूची में शामिल न हो।